राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक शीतकालीन सत्र 2019 में राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके पारित होने के बाद से ही पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे है। कई राजनीतिक संगठन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच हैं। Read More
Top News: पूरा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड के चपेट में है। इस बीच राजनीतिक पारा बढ़ा हुआ है। कांग्रेस आज अपने स्थापना दिवस के मौके पर देश भर में फ्लैग मार्च निकालेगी। जानें, आज किस-किस खबर पर होगी नजर... ...
पुरी ने कहा कि नये नागरिकता कानून का विरोध करने वाले लोग झूठी कहानी के पीछे दौड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘संशोधित नागरिकता कानून का यह कत्तई मतलब नहीं है कि इन देशों से आने वाले सताये गए मुसलमान नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। ...
सीएए के खिलाफ कोलकाता में 11 दिन में पांच रैलियां करने वाली बनर्जी ने कहा, "जब तक मैं जीवित हूं तब तक बंगाल में सीएए लागू नहीं होगा। कोई भी देश या राज्य छोड़कर नहीं जाएगा। बंगाल में कोई निरोध केन्द्र नहीं बनेगा। ...
ममता ने विवादित सीएए के खिलाफ देशभर में चल रहे छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है कि वे 18 साल की उम्र में सरकार चुनने के लिए मतदान तो करें, लेकिन उन्हें विरोध करने का अधिकार न दिया जाए। ...
अधिकारी अनूप कृष्णन ने बताया,‘‘ हमारी जांच में पाया गया कि उसने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है और इसलिए उसे जाने के लिए कहा गया।’’ कोच्चि में 23 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शन में जेने मेटे जोहानसन के हिस्सा लेने की तस्वीरें और वीडियो साशेल मीडिया पर ...