CAA-NRC विवाद: ममता बनर्जी ने कहा, किसी को भी बंगाल या देश नहीं छोड़ना होगा, डरे नहीं आंदोलन जारी रहेगा

By भाषा | Published: December 27, 2019 04:56 PM2019-12-27T16:56:45+5:302019-12-27T20:14:19+5:30

ममता ने विवादित सीएए के खिलाफ देशभर में चल रहे छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है कि वे 18 साल की उम्र में सरकार चुनने के लिए मतदान तो करें, लेकिन उन्हें विरोध करने का अधिकार न दिया जाए।

CAA Protest: CM Mamta said- As long as I am alive, it will not be applicable in Bengal | CAA-NRC विवाद: ममता बनर्जी ने कहा, किसी को भी बंगाल या देश नहीं छोड़ना होगा, डरे नहीं आंदोलन जारी रहेगा

ममता बनर्जी (एएनआई फोटो)

Highlightsकोई भी नागरिकता जैसे हमारे अधिकारों को नहीं छीन सकता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी।कोई भी देश या राज्य छोड़कर नहीं जाएगा। बंगाल में कोई निरोध केन्द्र नहीं बनेगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, तब तक बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू नहीं होगा। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि कोई भी देशवासियों से नागरिकता जैसे उनके अधिकार नहीं छीन सकता। ममता ने विवादित सीएए के खिलाफ देशभर में चल रहे छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है कि वे 18 साल की उम्र में सरकार चुनने के लिए मतदान तो करें, लेकिन उन्हें विरोध करने का अधिकार न दिया जाए।

बनर्जी ने कहा, "जब तक मैं जीवित हूं तब तक बंगाल में सीएए लागू नहीं होगा। कोई भी देश या राज्य छोड़कर नहीं जाएगा। बंगाल में कोई निरोध केन्द्र नहीं बनेगा।" उन्होंने कहा, "छात्र काले कानून का विरोध क्यों नहीं कर सकते? केन्द्र सरकार प्रदर्शकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर रही है।"

‘‘जन गण मन’’ ने देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रगान 'जन गण मन' ने देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है। ममता ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया जिन्होंने ‘जन गण मन' की रचना की।

1911 में आज के दिन पहली बार इसे गाया गया था। ममता ने टैगोर की रचना 'आमार सोनार बांग्ला' का भी जिक्र किया जिसे 1905 में अंग्रेजों द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में लिखा गया था। उन्होंने कहा कि बंगाल के विभाजन के खिलाफ टैगोर के विरोध के तरीके ने लोगों को रास्ता दिखाया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ 1911 में आज के दिन पहली बार ‘जन गण मन’ गाया गया था। हमारे राष्ट्रगान ने हमें वर्षों से एकजुट किया है और राष्ट्र को प्रेरित किया है। इसका रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। वह हमारी शान हैं। 'जन गण मन' पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था।

24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा ने गीत 'भारत भाग्य विधाता' के पहले हिस्से को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था। 'आमार सोनार बांग्ला' को 1971 में बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था। 

Web Title: CAA Protest: CM Mamta said- As long as I am alive, it will not be applicable in Bengal

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