हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में बना यह टनल समुद्र तल से तीन हजार मीटर से अधिक की ऊंचाई पर है। इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 'अटल टनल' रखा गया है। पूर्वी पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखला में बनी यह 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग लेह- मनाली राजमार्ग पर है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। सुरंग के भीतर किसी कार की अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। यह सुरंग मनाली को लाहौल और स्पीति घाटी से जोड़ेगी। इससे मनाली-रोहतांग दर्रा-सरचू-लेह राजमार्ग पर 46 किलोमीटर की दूरी घटेगी और यात्रा समय भी चार से पांच घंटा कम हो जाएगा। रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2002 में रोहतांग दर्रे पर सुरंग बनाने की परियोजना की घोषणा की थी। सुंरग के दक्षिणी हिस्से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। 15 अक्टूबर 2017 को सुरंग के दोनों छोर तक सड़क निर्माण पूरा कर लिया गया था।