आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
जम्मू कश्मीरः डेटा के विश्लेषण के मुताबिक जनवरी से 4 अगस्त के बीच हर महीने पत्थरबाजी और उपद्रव की औसतन 50 घटनाएं होती थी लेकिन आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद यह औसत प्रति महीने 55 घटनाओं का हो गया है। ...
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब इस मामले में एक हस्तक्षेपकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों से संबंधित मामले की सुनवाई स्थगित कराके ...
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘गत पांच अगस्त से 15 नवंबर के बीच पथराव/कानून व्यवस्था से संबंधित दर्ज 190 मामलों में 765 लोगों की गिरफ्तारी की गई।’’ ...
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा, ‘‘फारूक अब्दुल्ला को रिहा किया जाए।’’ बसपा के दानिश अली ने कहा, ‘‘फारूक अब्दुल्ला को (लोकसभा के सत्र में) बुलाया जाए। इसके लिये आपकी (स्पीकर की) ओर से निर्देश चाहिए।’’ ...
पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी के संदर्भ में उन्होंने कहा, “उनके नजरबंद रहने के कारण अगर स्थिति शांतिपूर्ण है तब यही बेहतर है कि वो नजरबंद रहें।” ...
इस कदम की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि सर्दियां नजदीक आ रही हैं और दूसरा, बार- बार बिजली गुल होने के कारण वहां ठहरना मुश्किल हो गया था। इस साल पांच अगस्त को उन्हें नजरबंद किया गया था और उस पर्यटक आवास में रखा गया था। इस पर्यटक आवास को जेल में तब्दील कर द ...