आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
उमर अब्दुल्ला भूतपूर्व जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से हिरासत में रखा गया है। ...
अधिकारियों ने बताया कि पिता-पुत्री की पहचान पीर तारिक और इंशा के रूप में हुई है। दोनों को हिरासत में लेने के लिए जम्मू लाया गया है। पिछले साल 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले की जांच एनआईए कर रही है। ...
उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर हुई सुनवाई के बाद यहां संवाददाताओं से बात करते हुए सारा ने कहा कि उन्हें जल्दी सुनवाई की उम्मीद है क्योंकि मामला बंदी प्रत्यक्षीकरण का है ...
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे। ...
2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड मामले में उच्चतम न्यायालय आज एक मृत्युदंड के दोषी पवन कुमार गुप्ता द्वारा दायर की गई उपचारात्मक याचिका पर सुनवाई करेगा। ...
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में केन्द्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश ...
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत में आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर प्रमुखता से बातचीत हुई। ट्रंप ने कहा कि मोदी आतंकवाद को रोकने के लिए संकल्पित हैं। ...