देश के 37 केंद्रीय कानून केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लागू होंगे, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 28, 2020 08:17 PM2020-02-28T20:17:43+5:302020-02-28T20:17:43+5:30

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्‍द्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्‍मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में केन्द्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश को जारी करने को स्वीकृति दे दी है।

37 Central Acts will now be applicable in the union territory of Jammu and Kashmir | देश के 37 केंद्रीय कानून केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लागू होंगे, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी अभी तक जम्मू-कश्मीर में जो 37 केंद्रीय कानून लागू नहीं थे।

Highlightsअधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्‍द्र सरकार के पास कानूनों को आवश्‍यकतानुसार ढालने और उनमें संशोधन करने का अधिकार है।31 अक्‍टूबर 2019 से पूर्व जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के अलावा सभी केन्‍द्रीय कानून पूरे भारत में लागू होते हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए 37 केंद्रीय कानूनों को समवर्ती सूची में रखने के आदेश को अंगीकार करने को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 

बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्‍द्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्‍मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में केन्द्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश को जारी करने को स्वीकृति दे दी है। इन कानूनों में सिविल प्रोसीजर कोड, इंडियन फॉरेस्ट एक्ट, प्रेस काउंसिल एक्ट तथा जनगणना कानून शामिल हैं।

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी अभी तक जम्मू-कश्मीर में जो 37 केंद्रीय कानून लागू नहीं थे, वह अब लागू हो गए हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पूरे देश में संविधान के तहत पारित कानून लागू हैं। ऐसा इसलिए किया गया ताकि नवगठित केंद्र शासित प्रदेश में संविधान के पालन में कोई अस्पष्टता न रहे।

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का निर्णय किया था। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, जम्‍मू और कश्‍मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के प्रभावी होने के बाद तत्‍कालीन जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य को 31 अक्‍टूबर, 2019 से केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू एवं कश्‍मीर और केन्‍द्र शासित प्रदेश लद्दाख के रूप में मान्‍यता दे दी गई।

Following 37 Central Acts will now be applicable in the union territory of Jammu and Kashmir after the decision was cleared by Union Cabinet yesterday. pic.twitter.com/9sAldfoaoJ

— ANI (@ANI) February 28, 2020

इसमें कहा गया है कि 31 अक्‍टूबर 2019 से पूर्व जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के अलावा सभी केन्‍द्रीय कानून पूरे भारत में लागू होते हैं, परन्‍तु 31 अक्‍टूबर 2019 से नियुक्‍त केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू और कश्‍मीर में भी यह लागू हो गये हैं। सरकार का मानना है कि केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू और कश्‍मीर के संबंध में, प्रशासनिक प्रभावशीलता और सुचारू परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्‍यक बदलावों और संशोधनों के साथ समरूपी सूची के अंतर्गत तैयार किये गये केन्‍द्रीय कानूनों को अपनाने के लिए यह आवश्‍यक है, ताकि भारतीय संविधान के अनुरूप इन्‍हें लागू करने में किसी प्रकार की अस्‍पष्‍टता को दूर किया जा सकें। 

जम्‍मू और कश्‍मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्‍द्र सरकार के पास कानूनों को आवश्‍यकतानुसार ढालने और उनमें संशोधन करने का अधिकार है। इसी के अनुरूप, केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने अधिनियम में प्रदत्‍त शक्तियों का उपयोग करते हुए केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू और कश्‍मीर के लिए ऐसे 37 केन्‍द्रीय कानूनों को अपनाने और उनमें सुधार करने के लिए केन्‍द्र सरकार के द्वारा जारी एक आदेश के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दे दी है। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद लागू इन कानूनों की जारी सूची में जो नए कानून शामिल हैं, उनकी जानकारी निम्न है।


The list of 37 Central laws has
  
THE ADVOCATES ACT, 1961.
 
THE ALL INDIA SERVICES ACT, 1951.
 
THE ANCIENT MONUMENTS AND ARCHAEOLOGICAL SITES AND REMAINS ACT, 1958.
 
 THE CENSUS ACT, 1948.
 
THE CENTRAL GOODS AND SERVICES TAX ACT, 2017.
  
THE CINEMATOGRAPH ACT, 1952.
 
THE COLLECTION OF STATISTICS ACT, 2008.
 
THE COMMISSIONS OF INQUIRY ACT, 1952.
  
THE DENTISTS ACT, 1948.
 
THE FAMILY COURTS ACT, 1984.
 
THE GOVERNMENT SECURITIES ACT, 2006.
 
THE HIGH COURT JUDGES (SALARIES AND CONDITIONS OF SERVICES) ACT,1954.
 
THE HOMEOPATHY CENTRAL COUNCIL ACT, 1973.
 
THE IMMORAL TRAFFIC (PREVENTION) ACT,1956.
  
THE INCOME-TAX ACT, 1961.
 
THE INDIAN MEDICINE CENTRAL COUNCIL ACT, 1970.
 
THE INSOLVENCY AND BANKRUPTCY CODE, 2016.
 
THE REAL ESTATE (REGULATION AN DEVELOPMENT) ACT, 2016 .
 
THE NATIONAL CO-OPERATIVE DEVELOPMENT CORPORATION ACT,1962.
 
THE OFFICIAL LANGUAGES ACT, 1963.
 
THE PRESS AND REGISTRATION OF BOOKS ACT, 1867.
 
THE PRESS COUNCIL ACT, 1978.
 
THE PROTECTION OF HUMAN RIGHTS ACT, 1993.
 
THE PUBLIC DEBT ACT, 1944.
 
THE RAILWAY PROPERTY (UNLAWFUL POSSESSION) ACT, 1966.
 
THE SECURITIZATION AND RECONSTRUCTION OF FINANCIAL ASSETS AND ENFORCEMENT OF SECURITY INTEREST ACT, 2002.
 
THE TEXTILES COMMITTEE ACT, 1963.
 
THE COURT-FEES ACT, 1870.
 
THE INDIAN FOREST ACT, 1927.
 
THE LIMITATION ACT, 1963.
 
THE PREVENTION OF CORRUPTION ACT, 1988.
 
THE REPRESENTATION OF PEOPLE ACT, 1950.
 
THE RIGHT TO FAIR COMPENSATION AND TRANSPARENCY IN LAND ACQUISITION, REHABILITATION AND RESETTLEMENT ACT, 2013.
 
THE ARBITRATION AND CONCILIATION ACT, 1996.
 
THE CODE OF CIVIL PROCEDURE, 1908.

THE INDIAN PENAL CODE, 1860.
 
CRIMINAL PROCEDURE CODE, 1973

Web Title: 37 Central Acts will now be applicable in the union territory of Jammu and Kashmir

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