14 मई, 1954 को राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था। इस आदेश के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 35-ए जोड़ दिया गया। संविधान की धारा 370 के तहत यह अधिकार दिया गया है। 35-ए संविधान का वह अनुच्छेद है जो जम्मू कश्मीर विधानसभा को लेकर प्रावधान करता है कि वह राज्य में स्थायी निवासियों को पारभाषित कर सके। वर्ष 1956 में जम्मू कश्मीर का संविधान बना, जिसमें स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया है। Read More
कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से शटडाउन चल रहा है। लाखों लोगों को नौकरियों का नुकसान हुआ है, वित्तीय संस्थानों के उधारकर्ताओं ने अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता खो दी है और बड़ी संख्या में खातों के दिवालिया होने की संभावना है। कई व्यावसायिक प्र ...
पिछले कुछ दिनों से राज्य में पूर्वोत्तर की तरह धारा 371 लागू कर राज्य के लोगों को विशेषाधिकार देने की चर्चा स्थानीय भाजपा नेता छेड़े हुए हैं। हालांकि कल देर रात राजभवन ने इसके प्रति विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र की ओर ...
इसी साल जून और जुलाई में जब किसी को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाये जाने की भनक नहीं थी, तब घाटी में क्रमश: 1.62 लाख और 1.49 लाख घरेलू पर्यटक आये। हालांकि, पिछले चार महीने के आंकड़े कुछ और कहानी बता रहे हैं। ...
कुछ सरकारी दफ्तरों और कारोबारी प्रतिष्ठानों को छोड़कर समूची घाटी में इंटरनेट सेवाएं लगातार बंद हैं। उन्होंने बताया कि इस सेवा को बहाल करने के बारे में अधिकारियों की ओर से अब तक कोई आदेश नहीं आया है जबकि इसके लिए विशेषकर पत्रकार समुदाय से मांगें बढ़ र ...
कंसर्न्ड सिटीजन ग्रुप (सीसीजी) नामक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि घाटी के विभिन्न हिस्सों में उनकी गतिविधियों पर पुलिस द्वारा लगाई गई रोक जमीनी हकीकत को छिपाने के लिए सरकार की सोची-समझी चाल है। प्रतिनिधिमंडल ने आगाह किया कि अगर केंद्र कश्मीर को लेकर अपने र ...
शहर के मुख्य बाजार और घाटी के अधिकतर क्षेत्र बंद रहे और दुकानें सुबह कुछ घंटों के लिए भी नहीं खुलीं जबकि पिछले कुछ सप्ताह से कुछ देर के लिए दुकानें खुल रही थीं। ...
शहर के पुराने इलाकों में सुबह कुछ ही घंटों के लिए दुकानें खुल रही हैं। घाटी में दुकानें सुबह-सुबह खुल रही थीं। राज्य का विशेष दर्जा हटाए जाने के विरोध में प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए दुकानदार दोपहर को इन्हें बंद कर देते थे। ...
गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे पहले राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया, जिसमें कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। इसके बाद शाह ने लोकसभा में इसे पेश किया। 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर दो भाग में बंट गया। ...