नई दिल्लीः देश में दूरसंचार ग्राहकों की संख्या मामूली रूप से बढ़कर जनवरी, 2023 में 117.07 करोड़ हो गई। यह बढ़त फिक्स्ड लाइन या वायर लाइन श्रेणी में हुई है। दूरसंचार नियामक ट्राई की जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। वायरलाइन खंड में 2.8 लाख ग्राहकों का इजाफा हुआ जबकि मोबाइल टेलीफोनी खंड में नौ हजार ग्राहको जुड़ें हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भले ही रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने संयुक्त रूप से 2.9 लाख नए ग्राहक जोड़ें लेकिन बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने 2.8 लाख ग्राहक खोएं हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने जनवरी 2023 की मासिक रिपोर्ट में कहा, भारत में टेलीफोन ग्राहकों की संख्या दिसंबर 2022 के अंत में 117.03 करोड़ से बढ़कर जनवरी 2023 के अंत में 117.07 करोड़ हो गई। इस दौरान मासिक वृद्धि दर 0.03 प्रतिशत रही। देश में वायरलाइन कनेक्शन दिसंबर में 2.74 करोड़ से बढ़कर जनवरी में 2.77 करोड़ हो गए।
वायरलाइन श्रेणी में यह वृद्धि मुख्य रूप से रिलायंस जियो और भारती एयरटेल में हुई। इसने क्रमशः 2.1 लाख और 1.1 लाख नये ग्राहक जोड़े। सार्वजनिक क्षेत्र की एमटीएनएल में श्रेणी में सबसे अधिक गिरावट आई। इसने अपने 29,857 ग्राहक गंवाए। इसके बाद बीएसएनएल ने 19,781 वायरलाइन ग्राहक, टाटा टेलीसर्विसेज ने 9,444, वोडाफोन आइउिया ने 3,727 और रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 275 ग्राहकों गंवाये।
मोबाइल टेलीफोन या वायरलेस श्रेणी में, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने क्रमशः 16.5 लाख और 12.8 लाख नये ग्राहक जोड़े। बीएसएनएल, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल ने क्रमशः 14.8 लाख, 13.5 लाख और 2,960 मोबाइल ग्राहकों को खोने के साथ इस क्षेत्र में सबसे नीचे रहे। देश में ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या जनवरी में बढ़कर 83.91 करोड़ हो गई। यह संख्या दिसंबर में 83.22 करोड़ थी।
सरकार ने नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल मरीन का मोबाइल ऐप लॉन्च किया
बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल मरीन का मोबाइल ऐप 'सागर सेतु' पेश किया। सोनोवाल ने कहा कि ऐप उन गतिविधियों की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा जो आम तौर पर आयातक, निर्यातक और सीमा शुल्क ब्रोकर की पहुंच में नहीं होती हैं।
इसमें जहाज से संबंधित जानकारी, गेट, कंटेनर फ्रेट स्टेशन और लेनदेन शामिल हैं। एक सरकारी बयान के अनुसार, यह कंटेनर फ्रेट स्टेशन शुल्क, शिपिंग लाइन शुल्क, परिवहन शुल्क आदि जैसे आयात और निर्यात की निकासी प्रक्रिया के लिए आवश्यक भुगतानों के लिए डिजिटल लेनदेन को भी सक्षम बनाता है।