लाइव न्यूज़ :

रमजान में सहरी, इफ्तार और तरावीह के सही समय की जानकारी देगा ये मोबाइल ऐप

By जोयिता भट्टाचार्या | Updated: May 16, 2018 17:29 IST

रमजान के आखिरी 10 दिनों का सबसे ज्यादा महत्व होता हैं क्योंकि इन्हीं दिनों में कुरान पूरी हुई थी।

Open in App

नई दिल्ली, 16 मई। रमजान का पाक महीना शुरू होने वाला है। रमजान का पहला रोजा 17 मई को रखा जा सकता है। इस मौके पर रोजेदारों को सहरी, इफ्तार और तरावीह का सही समय बताने के लिए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने एक मोबाइल ऐप शुरू किया है। इस ऐप का नाम ‘आई.सी.आई. रमजान हेल्प लाइन ऐप’ है। 

कई रोजेदार ऐसे होते हैं जिन्हें सहरी, इफ्तार, तरावीह या नमाज का सही समय नहीं पता होता है। या काम में व्यस्त होने के कारण वो भूल जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए ये ऐप बड़े काम की है। यह जानकारी इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन और फरंग महल के नाजिम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने दी। इस ऐप की मदद से रोजेदार रमजान (Ramadan) की अहमियत के साथ-साथ इफ्तार और सहरी का समय, शहर की विशेष मस्जिदों में तरावीह की नमाज का वक्त, इफ्तार, सहरी, तरावीह और शबे कद्र से जुड़ी दुआएं जान सकेंगे।

इसे भी पढ़ें: Whatsapp में आए नए फीचर्स, ग्रुप एडमिन के हाथ होगा पूरा पावर, चैट होगी और मजेदार

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि रोज़ा, जकात, तरावीह, इफ्तार, सहरी, नमाज और दूसरे मामलों से जुड़ें सवालों के जवाब के लिए ऐप में अलग सेक्शन बनाया गया है। उम्मीद है कि इससे बड़े पैमाने पर लोगों को फायदा पहुंचेगा।

रमजान और अहमियत

कुरान के अनुसार, अल्लाह ने अपने दूत के रूप में पैगम्बर साहब को चुना तथा रमजान के दौरान ही उनको कुरान के बारे में पता चला था। रमजान के आखिरी 10 दिनों का सबसे ज्यादा महत्व होता हैं क्योंकि इन्हीं दिनों में कुरान पूरी हुई थी। रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा 1 से 10 रोजे तक होता है, जिसमें बताया गया है कि यह रहमतों (कृपा) का दौर होता है। वहीं दूसरे दस दिन मगफिरत (माफी) का और आखिरी हिस्सा जहन्नुम (नर्क) की आग से बचाने का करार दिया गया है।

15 घंटे छह मिनट का होगा सबसे लंबा रोजा

मुजफ्फरनगर स्थित चांद मस्जिद के मौलवी इकलास, रमजान के दिनों मुस्लिम समाज के लोग सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं। सुबह सूर्य उगने से पहले ही सहरी की जाती है और शाम को सूर्य ढलने के बाद इफ्तार किया जाता है। इस बार प्रत्येक रोजा करीब 14.50 घंटे का रहेगा। सबसे लंबा रोजा 14 जून को 15 घंटे छह मिनट का होगा जबकि आखिरी के कुछ रोजे 15 घंटे के रहेंगे। रोजेदारों को 24 घंटों में करीब 15 घंटे भूखे-प्यासे रहकर नमाज, इबादत व तिलावत करना होगा।

इसे भी पढ़ें: OnePlus 6 का आज होगा ग्लोबल लॉन्च इवेंट, यहां देखे Live इवेंट

रमजान से जुड़ी मान्यताएं

माना जाता है कि रमजान के पाक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। इस माह में किए गए अच्छे कर्मों का फल कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।खुदा अपने बंदों के अच्छे कामों पर नजर रखता है, उनसे खुश होता है।कहते हैं कि रमजान के पाक महीने में नर्क के दवाजे बंद कर दिये जाते हैं।माहे रमजान में नफिल नमाजों का सवाब फर्ज के बराबर माना जाता है। पाक रमजान महीने में फर्ज नमाजों का सवाब 70 गुणा बढ़ जाता है।रोजेदार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों से देखना मना होता है।रमजान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है।महीने भर तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं। ऐसा करने से इंसान के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं।

टॅग्स :रमजानमोबाइल ऐपइंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

टेकमेनिया अधिक खबरें

टेकमेनियाक्या है संचार साथी? साइबर सिक्योरिटी ऐप जिसे सरकार क्यों चाहती है भारत के हर नए स्मार्ट फोन में हो इंस्टॉल

टेकमेनियाएक्टिव सिम के बिना नहीं चलेगा आपका WhatsApp, केंद्र ने साइबर क्राइम रोकने के लिए नए नियम जारी किए

टेकमेनियाक्या है क्लाउडफ्लेयर में रुकावट की वजह? जानिए एक्स, चैटजीपीटी और दूसरी लोकप्रिय वेबसाइटें क्यों हुईं डाउन?

टेकमेनियाX Down: एलन मस्क का एक्स उपयोगकर्ताओं के लिए हुआ डाउन, यूजर हुए परेशान

टेकमेनियागंभीर संकट परोस रहा है सोशल मीडिया