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Idea-Vodafone मर्जर से जुड़ी 5 जरूरी बातें, जानें यूजर्स को होगा फायदा या नुकसान

By जोयिता भट्टाचार्या | Published: August 03, 2018 11:53 AM

इन दो कंपनियों के मर्जर होने के बाद इनके यूजर्स काफी संशय में है कि मर्जर के बाद यूजर्स को अपने पुराने सिम पर नए ऑफर्स मिलेंगे या फिर उन्हें नया सिम लेने की जरूरत पड़ेगी।

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ठळक मुद्देयूजर को इसके लिए नया सिम नहीं लेना होगाIdea और Vodafone के मर्जर के बाद दोनों कंपनियां देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगीयूजर्स को लुभाने के लिए बड़ें और शानदार ऑफर्स पेश कर सकती है

नई दिल्ली, 3 अगस्त: देश की दो टेलीकॉम कंपनियां आइडिया सेल्यूलर और वोडाफोन इंडिया हाल ही में एक साथ हुई है। दोनों की कंपनियों को पिछले हफ्ते ही मर्जर की मंजूरी मिली है। अब दोनों कंपनियां एक साथ हो गई है। इन कंपनियों का मर्जर होने के बाद ये देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी जिसाक नाम वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होगा।

इन दो कंपनियों के मर्जर होने के बाद इनके यूजर्स काफी संशय में है कि मर्जर के बाद यूजर्स को अपने पुराने सिम पर नए ऑफर्स मिलेंगे या फिर उन्हें नया सिम लेने की जरूरत पड़ेगी। तो हम आपकी ये दुविधा दूर करने के लिए बताएंगे कि मर्जर के बाद दोनों कंपनियों के यूजर्स के लिए क्या बदलाव होने वाले हैं....

यूजर्स को नहीं लेना पड़ेगा सिम

अगर आप आइडिया या वोडाफोन के यूजर हैं और आप सोच रहे हैं कि आपको नया सिम लेना पड़ेगा तो हम आपको बता दें कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। बता दें कि यूजर को इसके लिए नया सिम नहीं लेना होगा। कंपनी पुराने यूजर्स के डेटा को अपने सिस्टम में ही अपडेट करेगी। इसके साथ उन्हें पुराने नंबर और सिम पर ही नए ऑफर्स दिए जाएंगे। हालांकि ये भी उम्मीद है कि कंपनी नए नाम के साथ नया सिम जारी करें लेकिन यह सिम नए यूजर्स के लिए होंगे। मौजूदा यूजर्स को नया सिम लेने की जरूरत नहीं होगी। कंपनी से जुड़े सूत्रों की माने तो दोनों कंपनियां पहले ही सिस्टम को 4जी सर्विस के लिए अपडेट हो चुकी हैं ऐसे में पुराने यूजर्स को अपने सिम नहीं बदलने पड़ेंगे।

पहले से बेहतर होगा नेटवर्क

Idea और Vodafone के मर्जर के बाद ये दोनों कंपनियां देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी। ऐसे में दोनों कंपनियां मिलकर अपने नेटवर्क को और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगी क्योंकि स्पेक्ट्रम के मामले में भी कंपनी के पास सबसे बड़ा नेटवर्क होगा। इसके साथ ही यूजर्स को कॉल ड्रॉप और कनेक्टिविटी की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। इसकी खास बात यह है कि इससे 4G कनेक्टिविटी में भी बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।

यूजर्स को मिलेंगे जबरदस्त ऑफर्स 

कंपनी अपने यूजर्स को लुभाने के लिए बड़ें और शानदार ऑफर्स पेश कर सकती है। खबरों की मानें तो आधिकारिक घोषणा होने और प्रोसेस पूरा होने तक दोनों के ग्राहक अलग ही रहेंगे और इसके ऑफर्स भी अलग होंगे। वहीं, दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद ही नए ऑफर्स को लाने की बात सोची जाएगी। इसके अलावा सबसे ज्यादा यूजर बेस होने के कारण कंपनी सस्ते दरों पर बेहतर ऑफर देने का प्लान बना सकती है।

अपडेट होंगे टावर्स

मर्जर के बाद वोडाफोन-आइडिया के पास ज्यादा स्पेक्ट्रम होगा। अभी दोनों कंपनियां 2जी और 3जी कम्पैटिबल टावर्स का इस्तेमाल कर रही हैं लेकिन नई कंपनी बनने के बाद वह भी 4जी टावर्स हो जाएंगे। इससे उसे स्पीड बढ़ाने का मौका मिलेगा।

मार्किट में छिड़ सकता है नया प्राइस वॉर

इस मर्जर के बाद एक और प्राइस वॉर छिड़ने की उम्मीद है। मर्जर के बाद ग्राहकों की संख्या के मामले में कंपनी सबसे बड़ी बन जाएगी। जिसके कारण बाजार के दो और मुख्य प्रतिद्वंदी एयरटेल और जियो नए प्लान बाजार उतार सकते हैं। इसके बाद तीनों बड़े प्लेयर्स के बीच में नया प्राइस वॉर छिड़ सकता है जिसका सीधा फायदा यूजर्स को होगा। क्योकिं, सरकारी टेलिकॉम कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल का मार्केट शेयर 5-6 प्रतिशत ही है।

 

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