केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के बारे में आंकड़े जारी किए। सीएसओ के अनुसार जारी वित्त वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय आय अनुमान के मुताबिक, जीडीपी 129.85 लाख करोड़ रुपये रहेगी। यानी भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 6.5 फीसदी हो जाएगी। यह वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान यह 7.1 फीसदी थी।
इन आंकड़ों के आगे बढ़ते हुए एनडीटीवी ने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें बताया गया कि देश में नये निवेश की दर बीते 13 सालों में सबसे निचले स्तर पर है। बैंकों में पैसे जमा करने की दर बीते 63 सालों में निचले स्तर पर है। देश में नौकरियों के निर्माण की दर भी बीते 8 सालों में निचले स्तर पर है। कृषि क्षेत्र में 1.7 फीसदी तक का घाटा दर्ज किया गया है। अर्थव्यवस्था की योजित सकल मूल्य (जीवीए) में भी करीब 0.5 की गिरावट है।
| पैमाने | 2017-18 | 2017-18 |
| GDP | 6.5 | 7.1 |
| GVA | 6.1 | 6.6 |
| कृषि क्षेत्र | 2.1 | 4.9 |
| निर्माण क्षेत्र | 4.6 | 7.9 |
दूसरी ओर अर्थव्यस्था के लिए सबसे ज्यादा घातक माना जाने वाला राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) बीते आठ सालों में अपने शीर्ष पर है। इसके बढ़ने से देश के राजभंडार पर भारी असर पड़ता है। इसके साथ देश में लंबित प्रोजेक्ट की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इस खबर का संज्ञान लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे ट्वीट किया है।
इन आंकड़ों का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने लिखा, वित्त मंत्री और श्री मोदी की विद्वान जोड़ी ने भारत को नया जीडीपी दिया है। यह जीडीपी है, 'Gross Divisive Politics (सकल विभाजनकारी राजनीति) '।