नागालैंड में भारतीय जनता पार्टी से निपटने के लिए सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने नई रणनीति अपनाई है। एनपीएफ को डर है कि नागालैंड विधानसभा में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत ना मिलने की स्थिति में बीजेपी बाजी मार सकती है। जिस तरह गोवा में कम सीटें होने के बाजवूद बीजेपी ने तत्परता दिखाते हुए सरकार बना ली थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस स्थिति से निपटने के लिए एनपीएफ ने मौजूदा सीएम टीआर जेलियांग को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया है। साथ ही नागालैंड के राज्यपाल पीबी आचार्य को एक पत्र सौंपा है जिसमें गठबंधन के सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) और नेशनल पीपुल्स पार्टी का समर्थन है। इस पत्र में लिखा गया है कि उनके गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलेगा। ऐसी स्थिति में पहले उन्हें सरकार बनाने का अवसर दिया जाए।
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नागालैंड में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से ठीक पहले नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) से 15 साल पुराना गठबंधन तोड़ा था। बीजेपी ने नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नेफियू रियो के साथ गठबंधन करने का फैसला किया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी का एनपीएफ से गठबंधन तोड़ने का फैसला कितना सही साबित होता है। बीजेपी की किसी भी संभावना को रोकने के लिए एनपीएफ ने जेलियांग को सीएम कैंडिडेट बनाने के समर्थन वाला पत्र काउंटिंग से ठीक एक दिन पहले गवर्नर को सौंपा।
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2013 के विधानसभा चुनावों में नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को 38 सीटें मिली थी। एनपीएफ की सहयोगी एनपीएफ को 4 सीटें मिली थी। कांग्रेस के खाते में 8 सीटें आई थी जो 2008 के मुकाबले 15 सीट कम थी। एनपीएफ ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई।
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