अतुल कुलकर्णी
विधान परिषद में रिक्त हो रहीं 12 सीटों और महामंडलों की नियुक्तियों में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना में समान हिस्सेदारी को लेकर महाविकास अघाड़ी में मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं. इस पूरे मामले पर चर्चा के लिए कांग्रेस नेताओं का दल जल्द ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलेगा.
गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की एक बैठक मुंबई में हुई. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात, विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण, मुंबई के पालक मंत्री असलम शेक, ऊर्जा मंत्री नितिन राऊथ समेत अन्य नेता बैठक में उपस्थित थे.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह तय हुआ था कि मंत्री पदों का वितरण भले ही विधायकों की संख्या के आधार पर हुआ हो लेकिन भविष्य में अन्य सभी हिस्सेदारियां समान रुप में बांटी जाएंगी. एनसीपी प्रमुख सांसद शरद पवार की मौजूदगी में फैसला लिया गया था कि विधान परिषद की सीटें तीनों दलों के बीच समान रुप से बांटी जाएंगी. बावजूद इसके शिवसेना को 5, एनसीपी को 4 और कांग्रेस को तीन सीटें दिए जाने का प्रस्ताव कांग्रेस को भेजा गया है. इसे लेकर पार्टी में भारी नाराजगी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि शरद पवार, उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में जो तय हुआ था उसका पालन होना चाहिए. मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इससे अवगत कराया जाएगा.
बालासाहब थोरा ने कहा कि हमारे बीच चर्चा के कुछ मुद्दे हैं. कुछ मसलों पर हमारे मंत्री विचलित हैं. हम जल्द ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर अपनी बात रखेंगे. कांग्रेस के मंत्रियों का मत है कि विभिन्न विकास कार्यों के लिए एनसीपी के मंत्रियों को ज्यादा महत्व दिया जाता है. मुख्यमंत्री को इस विषय पर हस्तक्षेप करना चाहिए लेकिन वह एनसीपी नेताओं की सुनते हैं.
निर्णय प्रक्रिया में भी शामिल करें: चव्हाण
लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा था कि हम सहयोगी दल हैं, निर्णय प्रक्रिया में हमारी सहभागिता नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री ने स्वयं आश्वस्त किया था कि ऐसा कुछ नहीं है. हमारी मांग है कि कांग्रेस को भी निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. चव्हाण ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार की स्थापना से पूर्व जो-जो निर्णय लिए गए थे उसका सभी को पालन करना चाहिए. नए-नए मुद्दों पर व्यर्थ का विवाद न हो, यही हमारी भावना है.