CAA और NRC पर एनडीए में अलग-थलग हुई भाजपा, पार्टी नेताओं ने कहा- रुख में बदलाव संभव नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 22, 2019 06:58 PM2019-12-22T18:58:50+5:302019-12-22T18:58:50+5:30
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश तथा पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग सभी गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार करने के प्रस्ताव की खिलाफत की है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस प्रस्ताव को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी को लेकर भाजपा के साथी दलों द्वारा खुद को अलग करने के साथ ही पार्टी इस विवादित मुद्दे पर खुद को अलग-थलग पा रही है, लेकिन उसके नेताओं का मानना है कि इन दोनों कदमों को लेकर उसके रुख में किसी तरह का बदलाव संभव नहीं है।
हालांकि, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश तथा पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग सभी गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार करने के प्रस्ताव की खिलाफत की है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस प्रस्ताव को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी के एजेंडे में एनआरसी की प्रमुखता बनी रहेगी। यह पूछने पर कि जब कई राज्यों ने इसे नकार दिया है तो देशव्यापी एनआरसी के गुंजाइश कितनी है, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भाजपा के एजेंडे के कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लागू करने में कामयाब रही है, जो दशकों से लंबित थे और जिनका बहुत अधिक विरोध था।
उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने पर सरकार निश्चित रूप से इसका ब्यौरा लाएगी। जीसस एंड मैरी कॉलेज में राजनीति विज्ञान की अध्यापक सुशीला रामास्वामी ने कहा कि सरकार ने दावा किया है कि इसके प्रावधान किसी भी भारतीय के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह संदेश ज्यादातर लोगों तक नहीं पहुंचा है।
उन्होंने कहा, “(लोगों में) बहुत आशंका और भय है। सरकार इसे समझा नहीं सकी है। उन्हें जल्दबाजी की जगह इसके लिए लोगों को तैयार करना चाहिए। उन्हें स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि किसी की नागरिकता साबित करने के लिए क्या आवश्यक होगा। इस समय बहुत अधिक अस्पष्टता है, जिससे लोगों में चिंता है।” रामास्वामी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि इस बारे में अगला कदम उठाने से पहले देश को तैयार करना चाहिए और अलग राय को भी ध्यान में रखना चाहिए।