भगवान श्री महाकालेश्वर ने किया पहला नगर भ्रमण, राजसी ठाट-बाट के साथ नि‍कली सवारी, देखें फोटो

By बृजेश परमार | Published: August 10, 2020 08:33 PM2020-08-10T20:33:22+5:302020-08-10T20:33:22+5:30

Next

भाद्रपद माह के पहले एवं श्रावण-भाद्रपद क्रम के छटवे सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्‍वर की सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ सोमवार को नि‍कली।

सवारी निकलने के पूर्व सभा मं‍डप में परंपरानुसार भगवान चन्‍द्रमौलेश्‍वर का पूजन-अर्चन किया गया। पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्‍याम शर्मा ने संपन्‍न कराया।

आशीष सिंह कलेक्‍टर एवं अध्‍यक्ष श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति, मनोज सिंह पुलिस अधीक्षक, महानिर्वाणी अखाडे के गादीपति महंत विनीत गिरी जी महाराज ने पूजन किया।

भगवान के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप को चांदी की पालकी में सवार किया गया जैसे ही संपूर्ण सभामंडप भगवान श्री महाकालेश्‍वर के जयकारों से गूंज उठा।

पूजन के उपरांत जैसे ही पालकी मुख्‍य प्रवेश द्वार पर पहुंची सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई। सवारी में भगवान ने भक्‍तजनों को चन्‍द्रमौ‍लेश्‍वर स्‍वरूप एवं मनमहेश स्‍वरूप में दर्शन दिये।

संपूर्ण सवारी मार्ग रंग बिरंगे कारपेट से सुसज्जित होकर रंग बिरंगे ध्‍वजों से आच्‍छादित व उत्‍कृष्‍ट रंगोली से सजाया गया था। सवारी में सुन्‍दर रंग बिरंगी छत्रियां आकर्षण का केन्‍द्र थी।

सवारी में श्रद्धलुओं ने रामघाट, श्री हरसिद्धी माता मंदिर एवं श्री सती माता मंदिर पर आकर्षक सुनहरी आतिशबाजी का आनंद लिया। सवारी मार्ग में दो स्‍थानों बडे गणेश मंदिर एवं हरसिद्धी मंदिर पर भगवान का पूजन-अर्चन किया गया।

पूरे सवारी मार्ग में नगाडों की गूंज, थाप व शहनाई की मधुर धुन से प्राचीन  सांस्‍कृतिक स्‍वरूप प्रस्‍तुत कर सभी का मन मोह लिया। विभिन्‍न स्‍थानों राणा जी छत्री, हरसिद्धी देवी मंदिर से सवारी के जीवंत दर्शन की उद्घोषणा व ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्‍कृतिक, विरासत का आंखोंदेखा हाल उद्घोषकों ने सवारी के दौरान प्रस्‍तुत किया।

सवारी बड़ा गणेश मंदिर व हरसिद्धि मंदिर चौराहा, नृसिंह घाट मार्ग, सिद्धाश्रम के सामने से होकर रामघाट पहुंची। वहां पर मॉ क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्‍द्रमौलेश्‍वर का अभिषेक किया गया।