नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने चीन में होने जा रहे एशियन गेम्स में अरुणाचल प्रदेश के एथलीट्स को वीज़ा न देने पर कड़ी निंदा की है। चीन के हांगझू में 19 वां एशियन वुशु गेम होने जा रहा है। चीन ने इसमें शामिल होने के लिए अरुणाचल के खिलाडियों को वीजा नहीं दिया जिससे विवाद पैदा हो गया है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर तल्ख टिप्पणी कर लिखा है कि अरुणाचल प्रदेश कोई विवादित क्षेत्र नहीं है बल्कि यह भारत की परिधि में आने वाला अभिन्न अंग है। उन्होंने आगे कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश के निवासियों और वहां की भूमि पर किसी भी प्रकार के गैर-कानूनी दावे का कड़ा विरोध करते हैं।
एशिया की ओलंपिक काउंसिल के एथिक्स कमेटी अध्यक्ष वेई जिजहोंग ने दावा किया है कि भारतीय खिलाड़ियों को चीन में आने के लिए वीज़ा दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय एथलिट्स को पहले चीन में आने की अनुमति और वीज़ा मिल चुका है। यही नहीं चीन ने वीजा देने से मना नहीं किया है। दुर्भाग्यपूर्ण की बात यह है कि इन खिलाड़ियों ने अब तक वीज़ा स्वीकार नहीं किया है।
एथिक्स कमेटी प्रेसिडेंट ने आगे बताया कि यह समस्या ओसीए की नहीं है क्योंकि चीन ने सभी वुशु खिलाड़ियों के साथ समझौता किया है जो भी खिलाड़ी प्रदर्शन करने के लिए योग्य हैं उनका चीन स्वागत करने के लिए तैयार है। यह बात काफी स्पष्ट है। उन्होंने अपनी बात पर मुखर होकर कहा कि वीज़ा सभी को दिया जा चुका है।
चीन में तीन भारतीय वुशु खिलाड़ियों को वीज़ा न दिये जाने की बात पर ओसीए के कार्यकारी अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा, "मैंने कल ही वर्किंग ग्रुप के साथ बैठक की थी और इस मुद्दे पर हमने बात की थी।" रणधीर ने बताया कि हम इस बात को चीनी सरकार के समक्ष रख रहे हैं। इस पर लगातार चर्चा जारी है। हम ओसीए की ओर से हैं और हम अपने प्रयास लगातार कर रहे हैं।"
बता दें कि वुशु एक तरह का मार्शल आट्र्स है। इस खेल का एक लंबा इतिहास है जो चीन से जुड़ा हुआ है। इसका अस्तित्व 1949 से बना हुआ है जो पारंपरिक चीनी मार्शल आर्ट्स का आधुनिक रूप है।