नई दिल्ली: भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुने जाने के बाद साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने के फैसले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद गुरुवार को मतदान हुआ। जिसमें संजय सिंह ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को हराकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का चुनाव जीता।
यूपी कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष संजय ने श्योराण को 7 के मुकाबले 40 वोटों से हराया। संजय सिंह डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं। चुनाव जीतने के बाद अब वह रिक्त पद संभालेंगे। बता दें कि डब्ल्यूएफआई को अंतरराष्ट्रीय महासंघ यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
चुनाव नतीजों ने साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट जैसे लोगों को गंभीर झटका दिया, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में बृज भूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। पुनिया और मलिक ने हाल ही में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी और बृजभूषण के सहयोगी को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से रोकने के तरीके मांगे थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
परिणाम के बाद साक्षी मलिक ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा, "हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के विभिन्न हिस्सों से लोग हमारा समर्थन करने आए। अगर बृज भूषण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनते हैं, तो मैं कुश्ती छोड़ दूंगा।"
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बृजभूषण ने कहा, ''इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।'' सिंह के नेतृत्व में बृजभूषण खेमे ने 15 में से 13 पदों पर जीत हासिल की, जिसमें सभी चार उपाध्यक्ष पदों पर क्लीन स्वीप भी शामिल है। निर्वाचित उपाध्यक्ष दिल्ली से जय प्रकाश (37 वोट), पश्चिम बंगाल से असित कुमार साहा (42 वोट), पंजाब से करतार सिंह (44 वोट), और मणिपुर से एन फोनी (38 वोट) हैं।