Asian Para Games 2023 medals: चीन के हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में भारतीय पैरा-एथलीटों ने ऐतिहासिक पदक जीतकर इतिहास कायम कर दिया। भारत ने एशियाई पैरा खेलों में 2018 से अपने सर्वश्रेष्ठ स्वर्ण पदक को पीछे छोड़ दिया। भारत ने 29 स्वर्ण, 31 रजत और 51 कांस्य के साथ अभियान समाप्त किया और कुल 111 पदक जीतकर धमाका किया।
पहले पैरा एशियाई खेल 2010 में ग्वांग्झू में हुए थे जिसमें भारत 14 पदक जीतकर 15वें स्थान पर रहा था। इसके बाद 2014 में भारत 15वें और 2018 में नौवे स्थान पर रहा। भारत ने 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार 100 से अधिक (101) पदक जीते थे। इससे पहले 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक हुए हांगझोउ एशियाई खेलों में भारत ने 107 पदक जीते थे।
पदक तालिका-Medal Standings: |
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1ः चीन 214 167 140 521 |
2ः ईरान 44 46 41 131 |
3ः जापान 42 49 59 150 |
4ः दक्षिण कोरिया 30 33 40 103 |
5ः भारत 29 31 51 111 |
6ः इंडोनेशिया 29 30 36 95 |
7ः थाईलैंड 27 26 55 108 |
8ः उज़्बेकिस्तान 25 24 30 79 |
9ः फिलीपींस 10 4 5 19 |
10ः हांगकांग 8 15 24 47... |
भारत पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा। चीन ने 521 पदक (214 स्वर्ण, 167 रजत और 140 कांस्य) जीते जबकि ईरान ने 131 (44 स्वर्ण, 46 रजत और 41 कांस्य) अपने नाम किये। जापान तीसरे और कोरिया चौथे स्थान पर रहा। भारतीय पैरालम्पिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा ,‘हमने इतिहास रच दिया। हमारे पैरा एथलीटों ने देश को गौरवान्वित किया है।
अब पेरिस पैरालम्पिक में टोक्यो से अधिक पदक जीतेंगे।’ उन्होंने कहा ,‘हम इस प्रदर्शन से हैरान नहीं है। हमें 110 से 115 के बीच पदक मिलने की उम्मीद थी और 111 शुभ आंकड़ा है।’ भारतीय खिलाड़ियों ने सर्वाधिक 55 पदक एथलेटिक्स में पाये जबकि बैडमिंटन खिलाड़ियों ने चार स्वर्ण समेत 21 पदक जीते। शतरंज में आठ और तीरंदाजी में सात पदक मिले जबकि निशानेबाजों ने छह पदक जीते।
आखिरी दिन शनिवार को भारत ने चार स्वर्ण समेत 12 पदक जीते। इनमें से सात पदक शतरंज में, चार एथलेटिक्स में और एक नौकायन में मिला। पुरुषों की भालाफेंक एफ55 स्पर्धा में नीरज यादव ने 33 . 69 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता। टेक चंद को कांस्य पदक मिला। पुरुषों की 400 मीटर टी47 दौड़ में दिलीप महादु गावियोत को स्वर्ण पदक मिला।
वहीं महिलाओं की 1500 मीटर टी20 दौड़ में पूजा ने कांस्य पदक हासिल किया। नाशिक के 20 वर्ष के दिलीप ने चार साल की उम्र में दाहिना हाथ गंवा दिया था। उनके कोवच वाजीनाथ काले ने अंतर विद्यालयीन स्पर्धाओं में उनकी प्रतिभा को पहचाना। उन्होंने इस साल विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में चौथा स्थान हासिल करके पेरिस पैरालम्पिक का कोटा पाया।
शतरंज में पुरुषों के व्यक्तिगत रैपिड वी1बी1 वर्ग में सतीश दर्पण ने स्वर्ण, प्रधान कुमार सौंदर्या ने रजत और अश्विनभाई मकवाना ने कांस्य पदक जीता। तीनों ने टीम वर्ग का स्वर्ण भी भारत की झोली में डाला। किशन गंगोली ने पुरुषों की व्यक्तिगत रैपिड वी1 बी2 बी3 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
गंगोली, सोमेंद्र ओर आर्यन जोशी ने टीम वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। महिला रैपिड वर्ग में वृत्ति जैन, हिमांशी राठी और संस्कृति मोरे को कांस्य पदक मिला। नौकायन में पीआर3 मिश्रित डबल स्कल में अनिता और के नारायणा ने रजत पदक जीता।