Ulhasnagar firing incident: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर में शुक्रवार, 2 फरवरी की रात बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ ने शिवसेना नेता राहुल पाटिल और पूर्व नगरसेवक महेश गायकवाड़ पर गोली चला दी। गणपत गायकवाड़ ने महेश गायकवाड़ पर पुलिस थाने के अंदर गोली चलाई। अब इस घटना का वीडियो सामने आ गया है।
पुलिस थाने के अंदर के सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि पीला कुर्ता पहने बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ अचानक से कुर्सी पर बैठे लोगों पर फायर खोल देते हैं। छोटे से कमरे में अचानक गोलियां चलने से अफरा-तफरी मच जाती है। महेश गायकवाड़ और उनके साथ आए लोग बाहर की ओर भागते हैं। इस बीच पुलिस भी अंदर आने की कोशिश करती है लेकिन चलती गोलियां देख कर रुक जाती है। इसके बाद बीजेपी विधायक जमीन पर गिरे एक व्यक्ति को घूंसों से पीटने लगते हैं। इसी समय पुलिस के साथ अन्य लोग भी अंदर घुस जाते हैं। किसी तरह गणपत गायकवाड़ पर काबू पाया जाता है। इस बीच दोनों पक्षों के लोग एक दूसरे पर कुर्सियों से हमला करते भी देखे जा सकते हैं।
बता दें कि इस घटना में महेश गायकवाड़ गंभीर रूप से घायल हो गए और पाटिल को भी गोली लगी। दोनों का इलाज ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल में किया जा रहा है। घटना के बाद अधिकारियों ने विधायक गायकवाड़ और उनके सुरक्षा गार्ड दोनों को हिरासत में ले लिया।
बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ को नहीं है पछतावा
बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ ने इस घटना के बाद एक समाचार चैनल से बात भी की और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपराधिक तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने दावा किया कि शिंदे ने अपने जैसे सम्मानित व्यक्ति को अपराधी में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों द्वारा अक्सर उनका अपमान किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीकांत शिंदे के नाम की एक पट्टिका उस स्थान पर लगाई गई थी जहां उनका काम हुआ था।
गणपत गायकवाड़ ने कहा कि उनके बेटे के साथ पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार किया गया और इन लोगों ने जबरन उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया, जिससे उनके पास खुली गोलीबारी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। उन्होंने अपने कृत्य पर कोई अफसोस नहीं व्यक्त किया, उन्होंने उल्लेख किया कि पुलिस के सामने उनके बच्चों के साथ मारपीट की जा रही थी, जिससे उनके पास गोली चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी को मारने का नहीं था, लेकिन अगर कोई पुलिस के सामने उन पर हमला कर रहा था तो उन्हें आत्मरक्षा में कार्रवाई करनी थी।