शेख अन्सारोद्दीन
परिसीमन के बाद रिसोड़-मालेगांव विधानसभा का निर्माण 2009 में हुआ था. उसके बाद से एक उप-चुनाव तथा दो बार आम चुनाव हो चुके हैं. इन तीनों चुनावों में कांग्रेस ने अपना निर्विवाद वर्चस्व कायम रखा. इस निर्विवाद वर्चस्व को भेदने के लिए भाजपा, शिवसेना, शिवसंग्राम महागठबंधन काफी छटपटाता नजर आ रहा है.
महागठबंधन में रिसोड़ विधानसभा की सीट भाजपा के लिए ही छूटती रही है. 2014 में महागठबंधन टूट कर अलग हो चुका था. भाजपा को अब तक रिसोड़-मालेगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कोई सफलता नहीं मिली है. यहां तक कि 2014 के आम चुनाव की मोदी लहर में भी वह सफलता नहीं पा सकी.
यही वजह है कि इस जगह पर शिवसेना तथा शिवसंग्राम भी अब अपनी दावेदारी करने लगे हैं. इनका मानना है कि भाजपा के लिए यह चुनाव काफी मुश्किल है, इसीलिए अब मौका उन्हें दिया जाए. भाजपा के लिए उम्मीदवार के चयन को लेकर पूर्व विधायक विजयराव जाधव, भाजपा जिला उपाध्यक्ष लखनसिंह ठाकुर , भाजयुमो जिलाध्यक्ष सुनील पाटिल के नाम सामने आए हैं.
हालांकि शिवसेना नहीं चाहती कि यहां से भाजपा अपना उम्मीदवार उतारे. शिवसेना की ओर से जिला परिषद के पूर्व कृषि सभापति तथा विद्यमान जि.प.सदस्य विश्वनाथ सानप, डॉ. चंद्रशेखर देशमुख, शिवसंग्राम से विष्णुपंत भुतेकर विधानसभा की दौड़ में शामिल हो सकते हैं. देखना यह है कि महागठबंधन अगर कायम रहा तो ऊंट किस करवट बैठता है.