महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में महाड़ के सालीवाड़ा नाका काजलपुरा इलाके में सोमवार (24 अगस्त) शाम करीब पांच बजे एक बहुमजिला आवासीय इमारत ढह गई। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा तलाशी और बचाव अभियान चल रहा है। रायगढ़ जिला कलेक्टर के अनुसार पांच मंजिला इमारत के ढहने से अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अभी भी करीब 18 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
बता दें कि हापुस तालाब के पास स्थित इस तारीक गार्डन नामक इमारत में 40 परिवार रह रहे थे, लेकिन सोमवार शाम को इमारत गिर गई, जिस कारण करीब 200 लोग मलबे में दब गए। हादसे के तुरंत बाद एंबुलेंस, अग्निशमन दल, पुलिस और प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर दिया, लेकिन अंधेरे की वजह से बचाव कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मलबे में दबने से घायल हुए लोगों को महाड़ के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती किया गया। इसके बाद मदद के लिए पुणे से एनडीआरएफ की तीन टीमें घटना स्थल पर पहुंची और तेजी से बचाव कार्य शुरू किया।
महाराष्ट्र की मंत्री अदिति तटकरे और एकनाथ शिंदे रायगढ़ जिले के काजलपुरा इलाके में पहुंचे, जहां हादसा हुआ है। मंत्री ने बताया कि लगभग 60 लोगों को बचाया जा चुकी है। एनडीआरएफ की 3 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। हादसे में घायलों का इलाज किया जा रहा है और कुछ को छुट्टी दे दी गई है। गंभीर चोटों वाले लोगों को उन्नत उपचार के लिए मुंबई ले जाया गया है। हादसे की जांच शुरू हो गई है। हम चाहते हैं कि विशेष जांच दल का गठन किया जाए।
दो पिलर हो चुके थे कमजोर
स्थानीय लोगों के अनुसार, इमारत में कुल 47 फ्लैट्स थे। इमारत के दो पिलर काफी कमजोर हो चुके थे। कुछ समय पहले इमारत के हिलने का पता चलते ही 40 परिवारों में से 25 परिवार बाहर निकल गए थे। इमारत का निर्माण पांच वर्ष पहले ही किया गया था। इस इमारत के निर्माण का ठेका मुंबई के बिल्डर यूनुस शेख और पटेल को दिया गया था।