गाजियाबाद: स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से "गजवा-ए-हिंद" के फतवे को लेकर इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद को बुलडोजर से ध्वस्त करने का आग्रह किया। दारुल उलूम देवबंद द्वारा जारी विवादास्पद फतवा "गजवा-ए-हिंद" की अवधारणा पर चर्चा करता है और कथित तौर पर "भारत के आक्रमण के संदर्भ में शहादत" का महिमामंडन करता है।
यति नरसिंहानंद ने फतवे को हिंदुओं की हत्या का आधिकारिक आह्वान बताया और सीएम योगी आदित्यनाथ से दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने शुक्रवार को जारी एक वीडियो संदेश में कहा, "दारूल उलूम ने 100 करोड़ हिंदुओं की हत्या के लिए अपने फतवे के जरिए गजवा-ए-हिंद की आधिकारिक घोषणा की है। महंत दिग्विजय नाथ के पोते को इस फतवे का मतलब समझना चाहिए। आप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। हम चाहते हैं कि आप एक दिन प्रधानमंत्री बनें।“
दारुल उलूम देवबंद को आतंकवाद का वैचारिक केंद्र बताते हुए नरसिंहानंद ने आदित्यनाथ से इस्लामिक मदरसा को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर भेजने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "अपना बुलडोजर भेजो और दारुल उलूम देवबंद को ढहा दो। छोटे लोगों की संपत्तियां गिराने से कुछ नहीं होगा।" उन्होंने आगे हिंदुओं से आह्वान किया कि यदि हिंदू नेता अपना "काम" करने में विफल रहते हैं तो वे दारुल उलूम देवबंद को ध्वस्त कर दें।
क्या है गजवा-ए-हिंद?
गजवा-ए-हिंद एक इस्लामी गूढ़ शब्द है जो भारतीय उपमहाद्वीप के गैर-मुसलमानों के खिलाफ मुस्लिम मसीहा के नेतृत्व में भविष्य के सैन्य अभियान को संदर्भित करता है। यह शब्द अरबी शब्द गज़वा से लिया गया है, जिसका अर्थ है "सैन्य अभियान" और हिंद, जिसका अर्थ हिन्दुस्तान है।