गुवाहाटीः महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की सरकार आईसीयू में पहुंच चुकी है। राज्य में सियासी उठापटक मची हुई है। ऐसी नौबत क्यों आई, शिंद खेमे के विधायक संजय शिरसाट ने सामने आकर सच्चाई बताई। औरंगाबाद (पश्चिम) से विधायक शिरसाट ने कहा कि कई बार विधायकों ने उद्धव जी से मिलने के लिए समय मांगा लेकिन वह उनसे कभी नहीं मिले।
संजय शिरसाट ने कहा कि पूर्व में कई बार विधायकों ने उद्धव जी से कहा था कि कांग्रेस हो या एनसीपी, दोनों ही शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सीएम ने उनकी कभी नहीं सुनीं। शिरसाट ने उद्धव ठाकरे सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि विधायकों के परामर्श से एक भी अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जाती है।
उन्होंने कहा, यदि आप शिवसेना के किसी विधायक के निर्वाचन क्षेत्र को देखें तो तहसीलदार से लेकर राजस्व अधिकारी तक विधायक के परामर्श से कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता है। यह बात हमने उद्धव जी को कई बार बताई लेकिन उन्होंने कभी इसका जवाब नहीं दिया। बागी विधायक ने कहा कि शिवसेना के विधायकों की मुख्यमंत्री तक पहुंच नहीं थी, जबकि पार्टी के ‘असली विरोधी’ होने के बावजूद कांग्रेस और राकांपा को पूरी तवज्जो दी जा रही थी। संजय शिरसाट इस वक्त शिंदे के साथ गुवाहाटी में मौजूद हैं।
शिरसाट ने 22 जून को उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने दावा किया कि शिवसेना विधायक ढाई साल से ‘अपमान’ का सामना कर रहे थे जिसके चलते मंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाने का कदम उठाया। पत्र को शिंदे ने अपने ट्विटर पेज पर पोस्ट किया था। दावा किया गया है कि ये शिवसेना के विधायकों की भावनाएं हैं। पत्र में शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने पार्टी के विधायकों की शिकायतें, उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों और निधि से जुड़े मामलों को गौर से सुना। कांग्रेस और एनसीपी के साथ उनकी समस्याएं क्या हैं, इसको भी संज्ञान में लिया।
उद्धव को लिखे पत्र में राम मंदिर का भी जिक्र
पत्र में शिरसाट ने आगे लिखा हैः क्या हिंदुत्व, अयोध्या, राम मंदिर शिवसेना के मुद्दे हैं? तो अब जब आदित्य ठाकरे अयोध्या चले गए हैं तो आपने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका? आपने खुद कई विधायकों को फोन कर अयोध्या नहीं जाने की बात कही थी. मैं और मेरे कई साथी जो मुंबई हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए निकले थे, उनके सामान की जाँच की गई। जैसे ही हम विमान में सवार होने वाले थे, आपने श्री शिंदे को फोन किया और उनसे कहा कि विधायकों को अयोध्या न जाने दें और जो कुछ भी वापस लाए। आपने छोड़ दिया है। श्री शिंदे ने तुरंत हमें बताया कि सीएम ने फोन किया था और विधायकों को अयोध्या नहीं जाने के लिए कहा था। हमने चेक किया हुआ सामान मुंबई एयरपोर्ट पर लौटा दिया और आपके घर पहुंच गए। राज्यसभा चुनाव में शिवसेना ने एक भी वोट का बंटवारा नहीं किया। हमें रामल्लाह के दर्शन करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई?
संजय शिरसाट ने विधायकों के साथ भेदभाव का लगाया आरोप
बागी विधायक संजय शिरसाट ने उद्धव पर शिवसेना विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। चिट्ठी में आगे लिखा, महोदय, जब वर्ष में हमें प्रवेश नहीं मिल रहा था, तब हमारे वास्तविक विपक्षी कांग्रेसी राष्ट्रवादी आपसे नियमित रूप से मिल रहे थे, निर्वाचन क्षेत्र का काम कर रहे थे। धन प्राप्ति की चिट्ठी नाच रही थी। पूजा और उदघाटन करते हुए आपके साथ ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं. उस समय हमारे निर्वाचन क्षेत्र के लोग पूछते थे कि मुख्यमंत्री हमारा है या नहीं, फिर हमारे विरोधियों को फंड कैसे मिलता है?