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Farmers protest: 'हम पाकिस्तान से नहीं हैं' किसानों का छलका दर्द

By धीरज मिश्रा | Published: February 16, 2024 10:11 AM

Farmers protest: दिल्ली में प्रदर्शन की तैयारी से घर से निकले किसानों का दर्द छलका है। किसान नेताओं ने कहा है कि हम पाकिस्तान से नहीं हैं। किसानों का यह बयान गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों की बातचीत के बाद आया है।

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ठळक मुद्देकिसानों ने कहा हम पाकिस्तान से नहीं हैं हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैंकिसान नेताओं और केंद्र के बीच बातचीत में कुछ हल नहीं निकला अब अगले दौर की वार्ता रविवार शाम 6 बजे होगी

Farmers Protest: दिल्ली में प्रदर्शन की तैयारी से घर से निकले किसानों का दर्द छलका है। किसान नेताओं ने कहा है कि हम पाकिस्तान से नहीं हैं। किसानों का यह बयान गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों की बातचीत के बाद आया है। किसान नेताओं ने उन पर सुरक्षा बलों के द्वारा की गई कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की है।

किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के समन्वयक सरवन सिंह पंढेर ने पुलिस बल के द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़ने सहित वर्तमान माहौल के बारे में चिंता व्यक्त की। पंढेर ने कहा हमने कहा कि हम पाकिस्तान नहीं हैं। हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, टकराव नहीं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे द्वारा उठाई गई मांगों को लेकर केंद्र के साथ चर्चा की गई है। सभी मुद्दों का समाधान खोजने के लिए चर्चा की गई है। हमें उम्मीद है कि शांतिपूर्ण समाधान निकलेगा। 

मालूम हो कि पंजाब के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया, लेकिन पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। प्रदर्शनकारी किसान सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।

हरियाणा पुलिस ने बुधवार को अंबाला और पटियाला जिलों की शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पंजाब क्षेत्र की ओर आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारें करके अपनी कार्रवाई जारी रखी थी। गुरुवार को हुई बैठक दोनों पक्षों के बीच तीसरे दौर की बातचीत थी। 8 और 12 फरवरी को बातचीत के पिछले दो दौर बेनतीजा रहे थे। अब अगले दौर की वार्ता रविवार शाम 6 बजे होगी।

किसानों की मांग क्या है

एमएसपी की गारंटी पर कानून बनेकिसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की वापसीलखीमपुर खीरी मामले पर किसान परिवारों को मुआवजासरकार किसानों का सारा कर्जा माफ करेंकिसानों और खेल मजदूरों को पेंशन मिले

टॅग्स :किसान आंदोलनFarmersकिसान आत्महत्याFarmers' Association of India
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