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VHP ने कहा- PFI आतंक का एक कबीला था, संगठन पर बैन के बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने फोड़े पटाखे, बांटी मिठाइयां

By अनिल शर्मा | Updated: September 28, 2022 16:14 IST

पुणे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा PFI पर लगाए गए प्रतिबंध का जश्न मनाते हुए स्थानीय लोगों के बीच लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े।

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ठळक मुद्देपीएफआई पर प्रतिंबध को लेकर राजनीतिक दलों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।ओवैसी और लालू प्रसाद यादव ने पीएफआई के समान आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है।उधर, PFI पर बैन का मनसे कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांंटी।

महाराष्ट्र: केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध के फैसले का देशभर में स्वागत किया जा रहा है। कई संगठनों ने पीएफआई पर प्रतिबंध को जायज ठहराते हुए अपनी खुशी जाहिर की। इस बीच महाराष्ट्र से ऐसी ही तस्वीर आई है जहां मनसे कार्यकर्ताओं ने PFI को बैन किए जाने की मिठाई बांटकर और पटाखे फोड़ कर जश्न मनाया। 

पुणे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा PFI पर लगाए गए प्रतिबंध का जश्न मनाते हुए स्थानीय लोगों के बीच लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े। मनसे कार्यकर्ताओं को हाथों में तिरंगा लिए जश्न मनाते देखा जा सकता है। तस्वीरों में कार्यकर्ता पटाखे फोड़ते और लड्डू बांटते नजर आ रहे हैं।

उधर, विश्व हिंदू परिषद ने भी इसका खुले दिल से स्वागत किया है।  विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने देश में आतंकवाद को खत्म करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि जब तक "आतंक के कबीले" को खत्म नहीं किया जाता, तब तक देश आतंकवाद मुक्त नहीं हो सकता।

बंसल ने एएनआई को केंद्र द्वारा एकत्र किए गए सबूतों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) आतंक का एक कबीला था, जिसका आतंकवाद तब तक खत्म नहीं हो सकता जब तक आप उसके कबीले को नष्ट नहीं कर देते...।" गौरतलब है कि देर रात केंद्र सरकार ने आंतकी गतिविधियों में लिप्त संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया।

हालांकि कांग्रेस से लेकर राजद तक ने इसका विरोध किया। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी केंद्र के इस फैसले का सख्त विरोध किया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि पीआई से बदतर संगठन आरएसएस है। इसपर पहले प्रतिबंध लगाना चाहिए। वहीं कांग्रेस नेता कोडिकुन्निल सुरेश ने कहा, "हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध कोई उपाय नहीं है क्योंकि आरएसएस पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है।"

उधर, ओवैसी ने कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है...अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के कार्यों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही ओवैसी ने सवाल किया कि सरकार ने दक्षिणपंथी बहुसंख्यक संगठनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया?

असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, जबकि मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया है और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का समर्थन किया है, पीएफआई पर इस प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के कार्यों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

टॅग्स :PFIMaharashtra
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