बरेली: शरई काउंसिल ऑफ इंडिया की सालाना बैठक के बाद मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक अजीब-ओ-गरीब फतवा जारी किया। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बरेली से जारी फतवे में कहा कि मुस्लिम औरतों के लिए आईब्रो बनवाना हराम है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाएं अगर आईब्रो बनवाती है तो शरीयत के उसूलों के लिहाज से इसे नाजायज माना जाएगा।
मौलाना बरेलवी केवल इतने पर ही नहीं रूके और उन्होंने आगे कहा कि बाल अल्लाह की नेमत हैं, इसलिए उसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को इस्लाम कबूल नहीं करता है। जो लोग बाल चले जाने के बाद हेयर ट्रांसप्लांट कराते हैं, वो भी गुनाह है। कुदरती बाल से कोई भी बेअदबी शरीयत के खिलाफ है और यह महिलाओं और पुरुषों दोनों पर लागू होती है।
उन्होंने कहा कि बेशक जरूरत होने पर बालों की छंटाई की जा सकती है लेकिन किसी अन्य के बाल कैमिकल या मशीन के जरिये अपने सिर पर उगाना नाजायज है।
मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि बरेली में हुई शरई काउंसिल ऑफ इंडिया की सालाना बैठक में भी इस पर चर्चा हुई। उसके बाद ही यह फतवा जारी किया जा रहा है। इस्लाम मानने वाले हर मुसलमान यह जान लें कि चाहे महिलाएं हों या फिर पुरुष, उनका आइब्रो बनवाना और हेयर ट्रांसप्लांट कराना या विग लगाना शरीयत के लिहाज से हराम है।
इस बीच इस फतवे की चर्चा हर ओर हो ही रही थी कि मध्यप्रदेश उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली ने मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के फतवे को जायज बताया है। उन्होंने कहा कि हर मजहब के अपने-अपने कायदे-कानून होते हैं। जो जिस मजहब को मानता है वो उनके वसूलों पर चले।
काजी सैयद अनस अली ने कहा कि अल्लाह ने जिस तरह से हम इंसानों को इस जमीं पर भेजा है, हमें वैसे ही रहना चाहिए। अगर किसी के सिर पर बाल नहीं है तो उसे विग लगवाने से परेहज करना चाहिए क्योंकि इस्लाम में इस तरह की इजाजत नहीं है।