UP Board Result: वर्षों से जो ना हो पाया, उसे आठ वर्षों में कर दिखाया. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब हर हफ्ते यह दावा करती है. फिर यह गिनने लगती है कि पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में यूपी का देश में पहला स्थान है. इस तरह के करीब 50 से अधिक दावे योगी सरकार करती है. परंतु अब योगी सरकार इस बात का उल्लेख तक नहीं करती कि इस बार की बोर्ड परीक्षा की मेरिट में लखनऊ के एक भी छात्र-छात्रा का नाम नहीं है. जबकि लखनऊ में एक अच्छे स्कूल और कॉलेज हैं.
इस स्कूल और कॉलेजों के समारोह में सीएम योगी और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह आए दिन शामिल होते हैं और यूपी की तमाम उपलब्धियों का बखान करते हैं. लेकिन बोर्ड परीक्षा का परिणाम आने के बाद सीएम योगी से लेकर सूबे के शिक्षा मंत्री और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तह चुप्पी साधे हुए हैं.
माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री के पास जवाब नहीं :
इसकी वजह है यूपी बोर्ड परीक्षा में लखनऊ का बेहद खराब प्रदर्शन. यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार हाईस्कूल और इंटर के 51,44,375 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी. इनमें से 45,02,896 छात्र-छात्रा परीक्षा में पास हुए. अब बात करते हैं लखनऊ की तो इस बार प्रदेश में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में लखनऊ शीर्ष 10 में स्थान तक नहीं बना पाया. हाईस्कूल में जिले का 16वां और इंटर में 48 वां स्थान रहा. लखनऊ में हाईस्कूल और इंटर के कुल 1,03,778 विद्यार्थी यूपी बोर्ड में शामिल हुए. इनमें से 90,371 विद्यार्थी पास हुए, जबकि 12,803 छात्र-छात्राएं फेल हो गए. हाईस्कूल परीक्षा में जिले का परिणाम 92.78 प्रतिशत रहा.
वहीं इंटरमीडिएट में परिणाम 81.17 प्रतिशत दर्ज किया गया. लखनऊ के इस परीक्षा परिणाम पर अब सवाल पूछे जा रहे हैं कि एक समय था जब यूपी बोर्ड की प्रदेश की मेरिट में लखनऊ के स्कूलों का दबदबा रहता था, लेकिन अब ऐसा क्या हुआ कि बोर्ड की मेरिट लिस्ट में लखनऊ के एक भी बच्चे का नाम नहीं है.
हालात यहां तक पहुंच गए कि दो साल से लखनऊ का एक भी छात्र प्रदेश की मेरिट में जगह नहीं बना पाया. क्या लखनऊ में मेधा की कमी हो गई है? अब इस सवाल का जवाब सूबे की माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी नहीं दे रही हैं. वह कहती हैं कि उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं है. इस बारे में बोर्ड के अधिकारियों से बात करने के बाद ही वह कुछ बता सकेंगी.
एक समय मेरिट में छाए रहते थे लखनऊ के बच्चे :
करीब पन्द्रह वर्ष पहले लखनऊ के कुछ चुनिंदा स्कूलों के छात्र ही मेरिट में छाए रहते थे. एक स्कूल के चार-चार बच्चे मेरिट में दिखते थे. लखनऊ के दस स्कूलों के छात्र बोर्ड की मेरिट लिस्ट में आने की होड करते थे. इसके बाद शहर के तमाम नामी स्कूलों ने यूपी बोर्ड के बजाय सीआईएससीई का रुख कर लिया. तो लखनऊ ने अन्य स्कूलों के बच्चे बोर्ड की मेरिट में आने लगे यह सिलसिला दो साल पहले टूट गया.
अब दो साल से लखनऊ का एक भी ऐसा स्कूल नहीं है, जिसके किसी बच्चे ने मेरिट में जगह बनाई हो. लखनऊ के स्थान पर अब कानपुर, बाराबंकी और इसके नजदीकी शहरों के बच्चे बोर्ड की मेरिट में आने लगे है. स्थिति यह है कि अब छोटे जिलों और खासकर गांव-कस्बों के बच्चे मेरिट में जगह बना रहे हैं. इस बदलाव को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र कहते है कि लखनऊ के ज्यादातर नामी स्कूल यूपी बोर्ड छोड़ रहे हैं.
इसके अलावा यूपी बोर्ड से छात्रों और अभिभावकों का मोहभंग हो रहा है. इन दो वजहों के कारण बोर्ड की मेरिट लिस्ट से लखनऊ के छात्र-छात्रा गायब हो रहे हैं. अब बोर्ड की परीक्षा में ज़्यादातर सरकारी स्कूलों के कमजोर छात्र शामिल हो रहे हैं इस कारण से बोर्ड की मेरिट में लखनऊ के छात्र-छात्रा का नाम अब देखने को नही मिला रहा है.
इस वजह से नहीं दिख रहा मेरिट में नाम
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष के इस कथन से शिक्षाविद भी सहमत हैं. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के असीटेंटे प्रोफेसर सुशील पांडे कहते हैं कि लखनऊ से यूपी बोर्ड में टॉपर न निकलने की मुख्य वजह यूपी बोर्ड से छात्रों और स्कूलों का मोहभंग होना है. सुशील पांडेय के अनुसार, लखनऊ के जिन स्कूलों के बच्चे मेरिट में आते थे, उन्होंने सीबीएसई और आईसीएसई का रुख कर लिया है.
मिशनरी स्कूल पहले से यूपी बोर्ड में नहीं हैं. शहर के अन्य प्रमुख स्कूल भी यूपी बोर्ड से दूरी बना रहे हैं. शहर में रह रहे उच्च और मध्यम वर्ग के लोगों का भी यूपी बोर्ड के स्कूलों से मोहभंग हो रहा है. जो भी सक्षम है, वह यूपी बोर्ड में छात्रों को नहीं पढ़ाना चाहता.
जो आर्थिक तौर पर और पढ़ाई में भी कमजोर हैं, वे ही यूपी बोर्ड के स्कूल आ रहे हैं. ऐसे बच्चों में काफी सुधार करके भी इस काबिल बनाना आसान नहीं है कि उनको टॉपर बना दिया जाए. इस वजह से अब बोर्ड की मेरिट में लखनऊ के बच्चों का नाम नहीं आ पा रहा है. यह एक तरह का रिकॉर्ड है लेकिन इस रिकार्ड का सरकार उल्लेख नहीं करेंगी.
बोर्ड परीक्षा का ब्यौरा :
यूपी बोर्ड में हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल हुए बच्चे : 2545815 यूपी बोर्ड में हाईस्कूल की परीक्षा में पास हुए बच्चे : 2294122
यूपी बोर्ड में इंटर की परीक्षा में शामिल हुए बच्चे : 2598560 यूपी बोर्ड में इंटर की परीक्षा में पास हुए बच्चे : 2108774
लखनऊ में हाई स्कूल की परीक्षा में शामिल हुए बच्चे : 51,080लखनऊ में हाई स्कूल की परीक्षा में पास हुए बच्चे : 47,393
लखनऊ में इंटर की परीक्षा में शामिल हुए बच्चे : 48,407लखनऊ में इंटर की परीक्षा में पास हुए बच्चे : 39,291