Thane: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा आगामी ठाणे नगर निगम चुनाव में बेटे को टिकट नहीं दिए जाने के बाद स्थानीय सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि वह इस कदम से नाराज नहीं हैं। ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में म्हस्के ने कहा कि उनका परिवार पूरी प्रतिबद्धता के साथ शिवसेना के लिए काम करना जारी रखेगा क्योंकि उन्होंने पार्टी के प्रमुख, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लिए गए फैसलों पर कभी सवाल नहीं उठाया था। म्हस्के ने कहा कि उनके बेटे आशुतोष ने नागरिकों की शिकायतों को हल करने के लिए चुपचाप पूरी ईमानदारी से काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘उसने किसी पद के लिए नहीं बल्कि एक शिवसैनिक के रूप में काम किया। स्वाभाविक रूप से लोग चाहते थे कि मेरा बेटा उसी क्षेत्र में काम करता रहे जहां मैंने सेवा की थी।’’ उन्होंने कहा कि लोगों की निराशा समझ में आती है। लोकसभा सदस्य ने कहा कि आशुतोष पार्टी के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पद आते-जाते रहते हैं, लेकिन पार्टी के प्रति हमारी निष्ठा कभी कम नहीं होगी।’’
हालांकि नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार को समाप्त हो गई, लेकिन 137 सदस्यीय ठाणे नगर निगम के लिए शिवसेना ने अब तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। ठाणे में 15 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए शिवसेना की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार रात अपने 40 उम्मीदवारों की सूची जारी की।
इस बीच ठाणे के येऊर क्षेत्र से शिवसेना के पदाधिकारियों ने मंगलवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। उनका आरोप है कि चुनाव में स्थानीय उम्मीदवारों की उपेक्षा की गई है। इससे पहले, युवा नेता स्वप्निल लांडगे और निखिल बुड़जाडे भी टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी से दूरी बना चुके हैं।