चेन्नई, 24 मईः तमिलनाडु सरकार ने सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलने से रोकने और शांति बहाली के लिए आज तूतीकोरिन और उसके आसपास के तिरूनेलवेली और कन्याकुमारी जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी। सरकार ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश प्रसारित होने का आरोप लगाते हुए एक आदेश में कहा कि ऐसे संदेशों से कल तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र के खिलाफ करीब 20 हजार लोगों की बड़ी भीड़ एकत्रित हो गई। इसका परिणाम बाद में हिंसा और पुलिस कार्रवाई के तौर पर सामने आया।
सरकार ने कहा कि असामाजिक तत्व स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार ने इन तीन जिलों में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के नोडल अधिकारियों को 27 मई तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया। अभी तक तमिलनाडु हिंसा में कुल 13 लोगों के मरने की खबर है।
शुक्रवार सुबह डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन का अगुवाई में डीएमके कार्यकर्ताओं ने सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।
उधर मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि तूतीकोरिन में 22 मई को स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गये लोगों के शव अगले आदेश तक संरक्षित रखे जाएं। जस्टिस टी रवींद्रन और जस्टिस पी वेलमुरुगन की अवकाश पीठ ने सरकार को वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका पर 30 मई तक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं ने फिर से पोस्टमार्टम कराने के लिए निजी डाक्टरों की एक टीम गठित करने हेतु अधिकारियों को अंतरिम निर्देश देने का अनुरोध किया।
PTI-Bhasha Inputs
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