कांचीपुरमः तमिलनाडु के कांचीपुरम में तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) संस्थापक, अभिनेता एवं राजनीतिक विजय ने कांचीपुरम जिले के तीन तालुकों के चुनिंदा पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बंद कमरे में बातचीत की। सभागार में लोगों को संबोधित करके अपना राजनीतिक अभियान फिर से शुरू की। कांचीपुरम पूर्व मुख्यमंत्री अन्नादुरई की भूमि है। यहाँ तक कि पूर्व मुख्यमंत्री एमजीआर ने भी उनके मार्गदर्शन के सम्मान में अपनी पार्टी के झंडे पर अन्नादुरई का प्रतीक चिह्न लगाया था। डीएमके हमारी टीवीके पार्टी से व्यक्तिगत दुश्मनी रखती है।
टीवीके प्रमुख विजय ने द्रमुक पर आरोप लगाया कि उसकी विचारधारा ‘लूट’ है। टीवीके प्रमुख विजय ने द्रमुक पर निशाना साधते हुए उसपर ‘‘नाटक करने और लोगों को धोखा देने’’ का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी इस पर सवाल उठाएगी। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए परोक्ष तौर पर द्रमुक पर वंशवाद की राजनीति को लेकर निशाना साधा, मखौल उड़ाया और दिखावा करने का आरोप लगाया।
हमें ऐसी कोई शिकायत नहीं है, लेकिन हम उनसे सवाल करेंगे क्योंकि उन्होंने उन्हीं लोगों को धोखा दिया है, जिन्होंने उन पर भरोसा किया और उन्हें वोट दिया। उनकी हरकतें नाटक के अलावा और कुछ नहीं हैं। हम इस बारे में चुप नहीं रहेंगे। कांचीपुरम से हमारा एक स्वाभाविक जुड़ाव है, क्योंकि हमारा पहला जनसंपर्क अभियान इसी जिले के परंदूर से शुरू हुआ था।
मेरा इरादा सभी लोगों की समान रूप से सेवा करना है। हम अन्नादुरई के सिद्धांतों की भावना से जनता से मिल रहे हैं। लेकिन आज अन्नादुरई को कौन याद करता है? डीएमके अब पूछती है कि विचारधारा की कीमत क्या है? वे हमसे हमारी विचारधारा के बारे में सवाल करते हैं। हमने जाति-आधारित जनगणना की माँग की है।
वक्फ अधिनियम का विरोध किया है और ऐसा करने वाले पहले पक्ष के रूप में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और हमने सीएए का भी कड़ा विरोध किया है। हालांकि, डीएमके की विचारधारा भ्रष्टाचार है। सोचिए कि उनकी अपनी पार्टी के भीतर क्या हो रहा है। पूरा राज्य एक ऐसी डीएमके को देख रहा है जो 75 साल के बच्चे की तरह व्यवहार करती है। हमने अभी तक डीएमके का पूरी ताकत से विरोध करना शुरू भी नहीं किया है, वे पहले से ही कांप रहे हैं।