मुंबई: फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी के एक कर्मचारी की समझदारी भरी पहल से एक बुजुर्ग की जान बच गई। वैसे तो अक्सर स्विगी से जुड़े कई ऐसे किस्से सुनने को मिलते रहते हैं, जो पाठकों को फूड डिलीवरी के अलावा भी उनके अन्य अच्छे कामों के लिए आकर्षित करते रहते हैं।
ऐसा ही एक वाकया मुंबई में बीते 25 दिसंबर का सामने आया है, जब कोरोना महामारी के कारण अपनी जान बचाने के लिए लोग अपने घरों में थे, उस वक्त भी होटलों से रेडीमेड फूड सप्लाई करने वाली कंपनी स्विगी के डिलीवरी मैन घर-घर जाकर लोगों को खाना पहुंचा रहे थे।
25 दिसंबर 2021 को मुंबई में रिटायर्ड कर्नल मोहन मलिक की तबियत अचानक गंभीर रूप से खराब हो जाती है। घर वाले उन्हें अस्पताल ले जाना चाहते थे लेकिन कोविड बंदिशों के कारण और कोई मदद के लिए आगे नहीं आरहा था।
कर्नल मलिक का बेटा सड़क पर लोगों से मदद की अपील कर रहा था लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था। लेकिन तभी एक स्विगी डिलीवरी मैन मृणाल किरदत उस रास्ते से गुजर रहे थे। उन्होंने देखा कि कर्नल के बेटे को कोई मदद नहीं कर रहा है तो वह फौरन उसके पास पहुंचे और बोले कि जल्दी से मेरे साथ अपने पिता को लेकर चलो।
मृणाल किरदत बिल्कुल फिल्म '3 इडियट्स' की स्टाइल में अपनी बाइक पर बीमार कर्नल मोहन मलिक को बीच में बैठाते हैं और कर्नल के पीछे उनका बेटा बाइक पर बैठता है। उसी हालत में वो लोग मलिक को लेकर फौरन लीलावती अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर सही समय पर पहुंचे कर्नल का इलाज करते हैं और उनकी जान बच जाती है।
अस्पताल में कर्नल का इलाज होता है और कुछ हफ्तों में वो बिल्कुल ठीक हो जाते हैं। इसके बाद वो स्विगी डिलीवरी मैन मृणाल किरदत को जान बचाने के लिए शुक्रिया कहते हैं। कर्नल मलिक ने कहा कि मैं अस्पताल में लेटा केवल उस युवा लड़के के बारे में सोच सकता था जिसने मुझे एक नया जीवन दिया। अगर वह नहीं होता, तो शायद मैं नहीं बच पाता।