नई दिल्ली, 13 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आधार को मोबाइल नंबर और बैंक खातों से लिंक करने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ़ किया है कि केंद्र सरकार आधार को अनिवार्य बनाने को लेकर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डाल सकती। इस मामले की सुनवाई दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पांच सदस्यीय बेंच ने कर रही है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा है 'जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आता, तब तक आप आधार लिंक करा सकतें हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (7 मार्च) को में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने आधारकार्ड लिंक करने की डेडलाइन 31 मार्च के आगे बढ़ाने के संकेत दिए थे। केंद्र सरकार से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि आधार से जुड़े सभी सेवाओं को लिंक करने की डेडलाइन बढ़ाए जाने का विकल्प अभी खुला है। उन्होंने कहा था कि आधार मामले में सुनवाई को पूरा करने के लिए थोड़ा समय और चाहिए होगा, इसलिए सरकार समयसीमा को 31 मार्च से आगे बढ़ा सकती है। हमने पहले भी जरूरत पड़ने पर दो बार डेडलाइन बढ़ाई है।
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गौरतलब है कि पहले आधार को चुनौती देने के संबंध में दलीलें पेश कर रहे वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने मामले में कहा कि 31 मार्च की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है क्योंकि इस बात की संभावना बिल्कुल नहीं लगती कि आधार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले में सुनवाई पूरी हो जाएगी। पीठ ने इस मामले में सहायता के लिए अटार्नी जनरल को बुलाया था।