दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उनके कार्यालय (पीएमओ) पर तीखा तंज कसा है। भाजपा में रहते हुए स्वामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के कई नेताओं के प्रति आलोचनात्मक रवैया रखने के लिए जाने जाते हैं और अक्सर ट्विटर पर भाजपा नेताओं के प्रति व्यंग्य भरा ट्वीट करते रहते हैं।
इसी क्रम में सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी और उनके दफ्तर को उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का नाम लेते हुए घेरने का प्रयास किया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा, " प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठने वाले मोदी की छवि को गढ़ते समय उत्तर कोरिया के किम जोंग उन समझने की गलती न करें। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दोनों की जन्म के समय बिछुड़े हुए जुड़वा बच्चों के रूप में फुसफुसाहट हो रही है।"
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर अपने तीखे बयानों से भाजपा के नेताओं को ही कटघरे में खड़ा करते रहते हैं। इससे पहले भी बीते 11 अप्रैल को उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया था। उस ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी ने द हिंदू नाम के समाचार पत्र का हवाला देते हुए कहा था, "अमित शाह कहते हैं कि भारतीय सीमाएं सुरक्षित हैं, उसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। यह सरासर झूठ है या उनकी हिमालयी अज्ञानता है। वह किसी भी तरह से गृह मंत्री बनने के लायक नहीं हैं। बेहतर होगा कि वो बम्बिनो की अवैध दोहरी नागरिकता पर काम करें।"
जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में स्वामी के आज के ट्वीट का सवाल है तो दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के 100वीं कड़ी का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर रहा है। प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को न केवल देश बल्कि दुनिया के कई देशों में सुना जा रहा है। इसी को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज कसा है। आज के 'मन की बात' के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100वीं कड़ी के लिए देशवासियों को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कहा, "आपके मिले लाखों पत्रों को पढ़कर मैं बहुत भावुक हुआ। मेरे लिए मन की बात एक पर्व बन गया है। इस कार्यक्रम ने मुझे आप से जोड़े रखा है। यह एक ऐसा कार्यक्रम बन गया, जिससे मैं आपके विचार, आपकी सोच से वाकिफ हो सका। आपके संदेश मेरे तक पहुंचते थे। मुझे महसूस ही नहीं हुआ कि मैं आपसे दूर हूं, ये मेरे लिए एक कार्यक्रम नहीं बल्कि पूजा है।
कार्यक्रम के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं इस कार्यक्रम की रिकार्डिंग के वक्त कई बार इस कदर भावुक हुआ कि इसको दोबारा रिकॉर्ड करना पड़ा है। मेरे लिए ये सफर बेहद खास और महत्वपूर्ण है। 3 अक्टूबर 2014 के दिन हमने 'मन की बात' की यात्रा शुरू की। 'मन की बात' में देश के कोने-कोने से हर आयु-वर्ग के लोग जुडे़। 'मन की बात' जिस विषय से जुड़ा वो जन-आंदोलन बन गया और उसे जन-आंदोलन आप लोगों ने बनाया। जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा 'मन की बात' की थी, उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी।"