पुलवामा हमले के बाद भारत के एक सख्त कदम से बर्बाद हुआ पाकिस्तान, पाक मंत्री ने संसद में स्वीकार किया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 20, 2024 03:00 PM2024-05-20T15:00:39+5:302024-05-20T15:02:03+5:30
पुलवामा आतंकवादी हमले में भारत ने सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान खोए थे। इसके बाद सबसे पहले भारत ने पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया। इसके अगले कदम में भारत ने तुरंत पाकिस्तान से आने वाले सभी उत्पादों पर 200% आयात शुल्क लगा दिया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: आतंक को पालने पोसने वाले देश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इन दिनों पूरी तरह से ध्वस्त है। इसके पीछे बहुत बड़े कारणों में से एक भारत सरकार का एक बेहद सख्त कदम है। बीते 17 मई को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने स्वीकार किया कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ व्यापार संबंध खराब हो गए। इसके बाद एक बेहद सख्त कदम उठाते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान साथ व्यापार को कम करने के लिए 200% आयात शुल्क लगाने का नियम बनाया।
पुलवामा आतंकवादी हमले में भारत ने सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान खोए थे। इसके बाद सबसे पहले भारत ने पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया। इसके अगले कदम में भारत ने तुरंत पाकिस्तान से आने वाले सभी उत्पादों पर 200% आयात शुल्क लगा दिया। परिणामस्वरूप पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर आर्थिक झटका लगा।
India has withdrawn MFN status to Pakistan after the Pulwama incident. Upon withdrawal, basic customs duty on all goods exported from Pakistan to India has been raised to 200% with immediate effect. #Pulwama
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 16, 2019
पाकिस्तानी उत्पादों पर 200% आयात शुल्क लगाने के कारण भारत में पाकिस्तान के सामान आने लगभग बंद हो गए। इससे पहले अपने सामान भारतीय बाजार में बेचकर पाकिस्तान मोटा मुनाफा कमाता था। लेकिन इस सख्त तदम के बाद पाकिस्तान की बदहाली शुरू हो गई। 17 मई को पाकिस्तान की सांसद शर्मिला साहिबा फारुकी हाशम ने संसद में पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने के लिए पाकिस्तान के सामने आने वाली चुनौतियों का विवरण देने को कहा था।
इसके जवाब में भारत पर बोलते हुए इशाक डार ने दावा किया कि पाकिस्तान भारत के साथ सहयोगात्मक संबंध रखना चाहता है और लंबित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत की वकालत करता है। अपने बयान के दौरान मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को ''विवादित क्षेत्र'' बताया। डार ने दावा किया कि भारत की शत्रुता और आक्रामक कार्रवाइयों ने ऐसा माहौल बनाया है जो शांति और सहयोग की संभावनाओं के लिए उपयुक्त नहीं है।
भारत द्वारा लगाए गए 200% आयात शुल्क ने पाकिस्तान की भारत को माल निर्यात करने की क्षमता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2018-19 के बीच पाकिस्तान से 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का सामान आयात किया। 200% शुल्क लगाने के बाद, यह 2019-20 में घटकर 14 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, इसके बाद 2020-21 में 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। 2022-23 में 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर और वर्ष 2023-24 में 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।