Soumya Vishwanathan murder case: टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन केस में फैसला आ गया है। दिल्ली की साकेत अदालत ने शनिवार को पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के लगभग 15 साल बाद चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पांचवें आरोपी को जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई गई है।
सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में कोर्ट ने कहा कि हत्या का अपराध दुर्लभतम मामले में नहीं आता, इसलिए मौत की सजा का अनुरोध अस्वीकार किया जाता है। अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई, पांचवें दोषी अजय सेठी को तीन साल की सजा सुना दी। राष्ट्रीय राजधानी में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 2008 में हत्या हो गई थी।
कोर्ट ने दोषी ठहराए गए लोगों की सजा पर अपना फैसला 25 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी समाचार चैनल में पत्रकार रहीं विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 की देर रात दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह कार्यालय से घर लौट रही थीं।
पुलिस ने दावा किया था कि हत्या के पीछे की मंशा लूटपाट थी। 18 अक्टूबर को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-302 (हत्या) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया था।
मामले में पांचवें आरोपी अजय सेठी को आईपीसी की धारा 411 (बेईमानी से संपत्ति प्राप्त करना) और मकोका प्रावधानों के तहत संगठित अपराध को बढ़ावा देने, जानबूझकर मदद करने और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार कपूर ने 30 सितंबर, 2008 को दक्षिण दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर पीड़ित की कार को लूटने के लिए उसका पीछा करते समय विश्वनाथन को गोली मार दी थी। कपूर के साथ शुक्ला, कुमार और मलिक भी थे। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पुलिस ने सेठी उर्फ चाचा से हत्या में प्रयुक्त कार बरामद कर ली थी।