Snow returns to Kashmir: वैष्णो देवी में बफ की चादर बिछने से श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है। हालांकि अब श्राइन बोर्ड ने पुरानी गुफा को दर्शनार्थ बंद कर दिया है पर बावजूद इसके श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। यह उत्साह कितना है इस साल के आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बदल रहे मौसम के बावजूद श्रद्धालुओं के हौसले पूरी तरह बुलंद हैं। जारी वर्ष में अब तक छह लाख के करीब श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। अब त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंच रहे भक्तों को स्वर्ग सा नजारा देखने को मिल रहा है।
हालांकि, हिमपात से तापमान में गिरावट देखने को मिली है। बहरहाल, बोर्ड की तरफ से बर्फबारी को देखते हुए खासा इंतजाम किए गए हैं, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। जम्मू कश्मीर के सभी इलाकों के साथ वैष्णो देवी का भवन पूरी तरह से बर्फ की सफेद चादर में ढक गया है।
बर्फ के कारण मार्ग पर फिसलन हो गई है परंतु बोर्ड के कर्मचारी निरंतर मार्ग को साफ कर रहे हैं। यही नहीं वहां से गुजर रहे श्रद्धालुओं को भी इस बारे में जागरूक किया जा रहा है। दूर से रोशनी से जगमगाता सफेद चादर में लिपटा मां वैष्णो देवी का भवन हर किसी को आकर्षित कर रहा है।
आसमान से गिरती बर्फ व सर्द मौसम की परवाह न करते हुए देश भर से मां वैष्णों के दर्शनों के लिए यहां पहुंचे श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए निरंतर भवन की ओर बढ़ रहे हैं। जो श्रद्धालु मां के दर्शन कर वापिस लौट रहे हैं, उनके चेहरों पर भी चमक नजर आ रही है। वहीं, मुख्य मार्ग पर बर्फ की मोटी परत जम गई है, जिसको हटाकर रास्ते को आने-जाने के लिए सुगम बनाया जा रहा है।
वहीं, भवन का दृश्य स्वर्ग जैसा एहसास करा रहा है। माता के मंदिर समेत आसपास करीब एक-एक फीट बर्फबारी नजर आ रही है। माता का बाग में करीब एक फीट और देवी द्वार क्षेत्र में भी करीब आधा फिट बर्फबारी हुई। यात्रा मार्ग पर बर्फबारी से ठंड के साथ फिसलन भी बढ़ गई है, लेकिन यात्रा का रख-रखाव करने वाले बोर्ड ने पूरे इंतजाम कर रखे हैं।
जानकारी के मुताबिक, यात्रा मार्ग पर जगह-जगह अलाव जलाए जा रहे हैं। इसके अलावा कटड़ा, अर्द्धकुंवारी व भवन पर श्राइन बोर्ड के विश्रामघरों में ठहरने, गर्म पानी व कंबल इत्यादि के अतिरिक्त बंदोबस्त किए गए हैं। इतनी कठिन परिस्थिति में लगातार श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहा है। भक्त माता के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, भक्तों की काफी भीड़ आ रही है। गुरुवार को ताजा बर्फबारी होने के बाद भी भक्तों की गिनती में बढ़ोतरी हो रही है। यात्री बर्फबारी को देखने के लिए आ रहे हैं। ये 2024 की पहली बर्फबारी है। भवन सफेद चादर से लिपटा हुआ नजर आ रहा है।
इस सुन्दर दृश्य को देखकर भक्त बेहद ही खुश नजर आ रहे हैं। मां के जयकारे इस बढ़ती ठंड में भक्तों के भीतर गर्माहट पैदा कर रहे हैं। इसके अलावा आपको बता दें कि श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बहुत से प्रबंध किये हैं, जिनसे आने वाले भक्तों को परेशानी न हो।
श्रीनगर और कश्मीर के अन्य मैदानी इलाकों में बृहस्पतिवार को सर्दी के इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई जिससे स्थानीय लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे । अधिकारियों ने कहा कि मैदानी इलाकों में बर्फबारी बुधवार देर रात शुरू हुई और अधिकांश स्थानों पर सुबह तक जारी रही। उन्होंने कहा, "श्रीनगर और मैदानी इलाकों के आसपास के अन्य इलाकों में कल देर रात बारिश और बर्फबारी हुई।
इसके बाद घाटी सुबह तक बर्फ की चादर से ढक गई।" अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में लगभग दो इंच बर्फबारी हुई जबकि अनंतनाग शहर में चार इंच, काजीगुंड में नौ, पहलगाम में 10, पुलवामा शहर में दो, कुलगाम शहर में तीन, शोपियां शहर में पांच, गांदरबल शहर में दो, बारामूला शहर में तीन, कुपवाड़ा शहर में चार और गुलमर्ग में 14 इंच बर्फबारी हुई।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी हुई। अधिकारियों ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर सहित कश्मीर घाटी के मैदानी इलाकों में यह मौसम की पहली बर्फबारी है जहां सर्दी के इस मौसम में बहुत कम बारिश हुई है।
यहां के निवासी मेहराज अहमद ने कहा, "आखिरकार, कश्मीर के मैदानी इलाकों में बर्फबारी हुई। हम इसके लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं।" उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में घाटी में और बर्फबारी होगी। गांदरबल के निवासी इरफान अहमद ने कहा कि घाटी में बर्फबारी समय की जरूरत है क्योंकि यह आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है।