देहरादून:केदारनाथ में मौसम साफ होने के बाद केदारनाथ यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। ऐसे में रास्तों से बर्फ को हटाया जा रहा है और सड़क को खोलने का काम किया जा रहा है। बता दें कि पिछले महीने ताजा बर्फबारी के कारण यात्रा की तैयारियों में बाधा आया था। ऐसे में मौसम के साफ होने के बाद ये तैयारियां फिर से शुरु हो गई है।
जानकारी के अनुसार, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुल रहे हैं, ऐसे में अब यात्रा शुरू होने के लिए केवल कुछ ही दिन बचा है। समय की कमी और मौसम में बदलाव को देखते हुए रास्ते को खोलने का काम फिर से शुरू किया गया है। यही नहीं टूटी हुई रेलिंग, पेयजल स्टैंड पोस्ट, हैंडपम्प एवं पेयजल लाईनों का मरम्मत कार्य भी प्रगति पर है।
यात्रा की हो रही है तैयारियां
न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा एक वीडियो जारी किया गया है कि जिसमें केदारनाथ धाम की ताजा तस्वीरें सामने आई है। वीडियो में यह देखा गया है कि मौसम पहले से काफी साफ हुआ है, ऐसे में बर्फबारी से ढंके रास्तों को साफ किया जा रहा है। इसके लिए बुलडोजर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि बड़े-बड़े बर्फ को आसानी से हटाया जा सके।
यही नहीं मजदूरों द्वारा खोद-खोद कर रास्ते से बर्फ जमा किए जा रहे है और फिर उसे स्ट्रेचर में करके दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा है। मौसम के साफ होने के बाद रास्तों से बर्फ के हटाने का काम तेज कर दिया गया है। यही नहीं केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग में टूटी रेलिंग का मरम्मत कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है तथा जल संस्थान द्वारा यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराए जाने के लिए पेयजल स्टैंड पोस्ट, हैंडपम्प एवं पेयजल लाईनों का मरम्मत कार्य तेजी से किया जा रहा है।
25 अप्रैल से खुलने वाला है यात्रा
इससे पहले केदारनाथ धाम में पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब होने तथा रुक-रुक कर बर्फबारी होने से यात्रा की तैयारियों में बाधा आ रही थी क्योंकि यहां आने के पैदल मार्ग एक बार फिर ताजा बर्फ से भर गए थे। बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुल रहे हैं और यात्रा की तैयारियों के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है। पिछले कुछ दिनों में हुई बर्फबारी से र्भैंरो और कुबेर क्षेत्रों के पास बड़े हिमखंड आ गए थे, जिनसे पैदल यात्रा मार्ग फिर अवरुद्ध हो गया था। ऐसे खराब मौसम के बीच मार्ग को सुचारू बनाए रखने के लिए रूद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।