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असम-मिजोरम सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण लेकिन शांत, असम में बंद प्रभावी

By भाषा | Updated: July 28, 2021 17:14 IST

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गुवाहाटी/ सिल्चर, 28 जुलाई असम की बराक घाटी में प्रदर्शनकारियों द्वारा ‘बंद’ लागू किए जाने और सीमा पर हिंसा की आशंका के चलते मिजोरम को एक प्रकार की नाकाबंदी झेलनी पड़ी है जहां प्रदर्शनकारी सुनिश्चित कर रहे हैं कि पड़ोसी राज्य जा रहे ट्रक अंतरराज्यीय सीमा से पहले रोक लिए जाएं।

दोनों राज्यों के सशस्त्र पुलिस बल सीमा के पास है, जहां सोमवार को सशस्त्र संघर्ष होने के साथ ही कुछ जानें भी गईं थीं। हालांकि, अधिकारियों ने बुधवार को पुष्टि की कि शांति स्थापित करने की कोशिश में बल कम से कम 100 मीटर पीछे हट गए हैं।

असम और मिजोरम पुलिस बलों के बीच सोमवार को अंतरराज्यीय सीमा पर हुई झड़प में छह पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों की मौत की घटना पर विरोध जाहिर करने के लिए आहूत 12 घंटे के बंद से असम की बराक घाटी के तीन जिलों में जनजीवन बुधवार को बुरी तरह प्रभावित हुआ।

मिजोरम और असम के बीच अंतरराज्यीय सीमा के पास सोमवार को हुई झड़प में एक पुलिस अधीक्षक समेत 50 अन्य घायल हो गए थे और सात लोगों की मौत हो गई थी।

बराक घाटी में सुबह पांच बजे से प्रभावी बंद के मद्देनजर सभी कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और बहुत कम वाहन मिजोरम की सीमा से सटे कछार, हाइलाकांडी, और करीमगंज जिलों की सड़कों पर दिखे जबकि आपातकालीन सेवाओं को रियायत दी गई थी।

हालांकि, उत्तरपूर्व सीमांत रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि ट्रेन सेवाएं अब तक अप्रभावित हैं।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (बीडीएफ) द्वारा बुलाए गए और विपक्षी एआईयूडीएफ समेत राजनीतिक संगठनों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा समर्थित बंद “पूर्ण” था और किसी जिले से किसी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है।

बीडीएफ के मुख्य समन्वयक प्रदीप दत्ता रे ने कहा कि लोगों ने अनायास ही बंद को समर्थन दिया है।

उन्होंने कहा, “हमें मजबूरन यह बंद आहूत करना पड़ा क्योंकि हमारे पुलिसकर्मियों की मौत हुई है और विवाद का स्थायी समाधान होना चाहिए क्योंकि हम और खून-खराबा नहीं चाहते हैं।”

हाइलाकांडी जिले में कई सामाजिक संगठनों ने मिजोरम जाने वाली सड़कों को बाधित कर दिया और पड़ोसी राज्य तक जाने वाले मालवाहक ट्रकों की आवाजाही को रोकने के लिए अनिश्चितकालीन ‘‘आर्थिक अवरोध” शुरू कर दिया।

कई संगठनों ने सात लोगों की मौत के खिलाफ घाटी के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किए और विवाद का स्थायी समाधान मांगा।

असम और मिजोरम के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक केंद्रीय गृह मंत्रालय के तत्वावधान में दोपहर में नयी दिल्ली में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेन बोरा के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधमंडल मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए विवादित सीमा का दौरा करेगा।

अंतरराज्यीय सीमा पर हिंसक संघर्ष में मौजूदा एसपी वैभव चंद्रकांत निंबालकर को गंभीर चोटें आने के बाद हाइलाकांडी के पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर को कछार पुलिस प्रमुख के तौर पर तैनात किया गया है।

गृह एवं राजनीतिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक कौर का स्थान चिरांग पुलिस प्रमुख गौरव उपाध्याय लेंगे। उपाध्याय का स्थान प्राणजीत बोरा लेंगे, जो वर्तमान में गुवाहाटी पुलिस उपायुक्त (यातायात) के तौर पर सेवा दे रहे हैं।

निंबलकर को बेहतर इलाज के लिए हवाई मार्ग से मुंबई ले जाया गया जबकि अन्य तीन को मंगलवार को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा गया।

झड़प में मारे गए लोगों की संख्या मंगलवार को सात हो गई थी जब गंभीर रूप से घायल 6ठी असम पुलिस बटालियन के श्यामाप्रसाद दुसात ने पेट में गोली लगने के चलते मंगलवार रात सिल्चर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

कछार और हाइलाकांडी जिलों में अंतर-राज्यीय सीमा पर तनाव पिछले साल अक्टूबर से बढ़ रहा है, जहां घरों को जलाने और जमीन पर अतिक्रमण की घटनाएं लगातार हो रही हैं।

इस साल फरवरी में यह मुद्दा फिर से भड़क गया और तब से खाली किए गए दो घरों को जून में गल्लाचेरा सीमा चौकी के पास गुटगुटी इलाके में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जला दिया गया।

विवादित सीमा क्षेत्र का दौरा करने 10 जुलाई को पहुंची असम सरकार की टीम पर एक ग्रेनेड फेंका गया था, लेकिन इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था।

हालांकि, 2020 से पहले भी सीमा विवाद था लेकिन 1994 और 2007 में कुछेक मामलों को छोड़कर, स्थिति अपेक्षाकृत शांत रही, केंद्र के हस्तक्षेप से बिगड़ी स्थिति को नियंत्रण में लाया गया था।

साल 2007 की घटना के बाद, मिजोरम ने घोषणा की कि वह असम के साथ मौजूदा सीमा को स्वीकार नहीं करता है और 1873 के बंगाल पूर्वी सीमांत नियमन (बीईएफआर) के तहत 1875 की अधिसूचना में वर्णित ‘इनर लाइन आरक्षित वन’ की आंतरिक रेखा, सीमा को निरुपित करने का आधार होनी चाहिए, न कि 1933 का सीमांकन, जो असम लागू करना चाहता है।

मिजोरम, जिसे तब लुशाई हिल्स के नाम से जाना जाता था, को ग्रेटर असम से अलग करके 1972 में एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था और बाद में 1987 में एक पूर्ण राज्य बनाया गया था।

दोनों राज्य असम के कछार, हाइलाकांडी तथा करीमगंज जिलों और मिजोरम के कोलासिब, मामित तथा आइजोल जिलों के बीच 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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