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लालू प्रसाद की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट न पेश करने पर रिम्स निदेशक को कारण बताओ नोटिस

By भाषा | Updated: February 5, 2021 21:53 IST

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रांची, पांच फरवरी झारखंड उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की चिकित्सकीय रिपोर्ट शुक्रवार को भी अदालत के समक्ष पेश नहीं करने पर नाराजगी जतायी। अदालत ने राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के निदेशक को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि आखिर किस आधार पर राजद प्रमुख को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थानांतरित किया गया।

झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए लालू प्रसाद की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश नहीं करने पर सख्त रुख अपनाया और रिम्स निदेशक को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि आखिर लालू की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट पीठ के सामने क्यों नहीं पेश की जा सकी? इसके साथ ही पीठ ने पूछा कि न्यायालय के समक्ष कहा गया कि लालू को बेहतर इलाज के लिए एम्स स्थानांतरित किया गया लेकिन ऐसा करने की क्यों आवश्यकता पड़ी, यह तो उनकी मेडिकल रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा।

लालू प्रसाद को निमोनिया होने की शिकायत के आधार पर 23 जनवरी को एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां उनका इलाज जारी है।

उच्च न्यायालय ने रिम्स निदेशक को लालू की स्वास्थ्य रिपोर्ट पीठ के समक्ष रखने का अंतिम मौका देते हुए मामले की सुनवाई 19 फरवरी को निर्धारित कर दी। मामले में लालू प्रसाद की ओर से देवर्षि मंडल ने उनका पक्ष रखा।

इससे पूर्व 22 जनवरी को भी झारखंड उच्च न्यायालय ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा जेल मैनुअल का उल्लंघन करने के मामले में जेल महानिरीक्षक तथा राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की रिपोर्ट को अपूर्ण बताते हुए नाराजगी जतायी थी और दोनों से ही अनेक बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगते हुए मामले की सुनवाई पांच फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी।

न्यायालय ने लालू प्रसाद के स्वास्थ्य के संबंध में रिम्स से जवाब देने को कहा था लेकिन उसकी ओर से जवाब नहीं पेश किया गया था, जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था कि उसके आदेश को हल्के में नहीं लिया जाए।

अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अदालत से आग्रह कर समय की मांग की थी और कहा था कि वे शीघ्र ही मामले में जवाब पेश कर देंगे। पीठ ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें जवाब पेश करने के लिये समय दिया था और मामले की सुनवाई 5 फरवरी को तय कर दी थी।

लालू प्रसाद चारा घोटाले के पांच विभिन्न मामलों में आरोपी हैं और चार में उन्हें सजा मिल चुकी है। इन चार मामलों में से तीन में उन्हें उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। अब सिर्फ दुमका कोषागार से गबन के मामले में उन्हें जमानत मिलनी बाकी है, जिस पर अंतिम सुनवाई 12 फरवरी को न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की ही पीठ करेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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