महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम में सबसे बड़ा बदलाव तब हुआ जब एकनाथ शिंदेमहाराष्ट्र के नए सीएम बनाए गए। हालांकि शिंदे गुट का साथ देने वाले बागी विधायकों पर अब शिवसेना का एक्शन शुरू हो गया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में ये जानकारी दी गई कि विधायक संतोष बांगड़ को उनके पद से हटा दिया गया है। शिवसेना ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कार्रवाई करते हुए संतोष बांगड़ को हिंगोली इकाई प्रमुख के पद से हटा दिया है। बता दें कि संतोष बांगड़ ने भी उद्धव ठाकरे गुट छोड़ कर एकनाथ शिंदे के साथ जाने का फैसला फ्लोर टेस्ट से पहले किया। हालांकि इससे पहले वो उद्धव ठाकरे के समर्थन में रोते हुए नजर आए थे।
फ्लोर टेस्ट से पहले संतोष बांगड़ ने बदला था पाला
शिवसेना के मुखपत्र सामना में ये बताया गया है कि ये कार्रवाई उद्धव ठाकरे के आदेश पर की गई है। बता दें कि संतोष बांगड़ ने 3 जुलाई को एकनाथ शिंदे के गुट से मुलाकात कर ये फैसला किया था वो उनका समर्थन करेंगे। इसके बाद 4 जुलाई को बागी विधायकों के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी। बांगड़ से पहले ही बड़ी संख्या में शिवसेना विधायक बगावत करते हुए शिंदे गुट में शामिल हो गए थे।
शिवसेना में बगावत को कहा था विश्वासघात
संतोष बांगड़ का नाम उस वक्त चर्चा में आया जब एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होने के बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में वो अपने क्षेत्र की जनता को संबोधित करने के बाद भावुक हो गए थे। उन्होंने उद्धव ठाकरे के समर्थन की बात कही थी। जानकारी के मुताबिक रोते हुए विधायक संतोष बांगड़ ने शिवसेना में हुई बगावत को उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात कहा था। हालांकि फ्लोर टेस्ट से पहले एकनाथ गुट का पलड़ा भारी नजर आया। जिसके बाद संतोष बांगड़ ने भी शिंदे गुट में शामिल होने का फैसला किया। इसी के चलते शिवसेना ने अब उनपर कार्रवाई की है।