मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने प्याज की कीमतों को लेकर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार की जमकर आलोचना की है। संजय राउत ने कहा कि जनता प्याज की कीमतों से बेहाल है। इस कारण इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
संजय राउत ने कहा, “प्याज तो गरीबों का भोजन है। हमारे किसान आज भी रोटी के साथ प्याज खाते हैं, जिसे हम 'भाकरी' कहते हैं। महाराष्ट्र के किसानों की ऐसी दुर्गत हो गई है कि उनकी प्याज की पैदावार भी मारी जा रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब लोग प्याज भी नहीं खरीद सकते हैं, न उसे खा सकते हैं तो फिर यह सरकार सत्ता में क्यों है। यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। इसलिए एकनाथ शिंदे सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।"
बीते सोमवार को महाराष्ट्र के नासिक जिले में किसानों ने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ बेहद उग्र प्रदर्शन किया। दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने रसोई के मुख्य उत्पाद पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया, जिसका राज्य में प्याज की खेती करने वाले किसान विरोध कर रहे हैं।
वित्त मंत्रालय द्वारा 19 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि उन्होंने 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। मंत्रालय ने कहा, "सरकार 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाएगी।"
निर्यात शुल्क उन रिपोर्टों के बीच आया है कि सितंबर में प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना है। इससे पहले 11 अगस्त को केंद्र सरकार ने अपने बफर स्टॉक से मुख्य सब्जी जारी करना शुरू किया था।
केंद्र सरकार ने पहले फैसला किया था कि वह 2023-24 सीजन में बफर स्टॉक के रूप में 3 लाख टन प्याज रखेगी। 2022-23 में सरकार ने 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के तौर पर रखा है।
केंद्र ने महाराष्ट्र से 2410 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर 2 लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का भी फैसला किया है। अतिरिक्त प्याज स्टॉक की खरीद आज से शुरू हुई और इसकी घोषणा मंगलवार को दिल्ली में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की बैठक में की गई।