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किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो संसद का सत्र हंगामेदार होगा: सुरेश

By भाषा | Updated: January 24, 2021 11:52 IST

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नयी दिल्ली, 24 जनवरी संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से आरंभ हो रहा है। इस बीच, सड़क पर किसानों का आंदोलन जारी है और देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान भी चल रहा। ऐसे में इस सत्र को लेकर विपक्ष खासकर कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी, इसी पर पेश है लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश से ‘पीटीआई-भाषा’ के पांच सवाल:

सवाल: संसद के आगामी बजट सत्र में कांग्रेस किन मुद्दों को उठाने जा रही है और उसकी क्या रणनीति रहेगी?

जवाब: किसान आंदोलन बड़ा मुद्दा है। किसान और हम सभी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर कर रहे हैं। यह मुद्दा तो हम जोरशोर से उठाएंगे। अरुणाचल प्रदेश में चीन की सेना द्वारा गांव बसाया जाना भी एक ज्वलंत मुद्दा है। इसके अलावा अर्नब गोस्वामी की व्हाट्सऐप बातचीत के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच का मुद्दा भी उठाया जाना है। कोरोना के टीके और कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की जाएगी।

सत्र से पहले संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पार्टी के सांसदों के साथ बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेंगी। लेकिन इतना तय है कि हमारे के लिए किसानों का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है।

सवाल: क्या कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर दूसरे विपक्षी दलों को साथ लेने के लिए भी बातचीत कर रही है?

जवाब: मुझे लगता है कि सभी विपक्षी दल और भाजपा के सहयोगी दल भी कृषि कानूनों के खिलाफ हैं। अकाली दल और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी तो राजग से अलग हो गईं। बीजू जनता दल और दूसरी पार्टियां भी किसानों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ हैं। हम समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को साथ लेने का प्रयास करेंगे। कई पार्टियों से बातचीत भी हो रही है।

सवाल: क्या माना जाए कि यह सत्र हंगामेदार रहने वाला है?

जवाब: यह सरकार के रुख पर निर्भर करेगा। अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है और कानूनों को वापस नहीं लेती है तो फिर यह सत्र हंगामेदार होगा। हम इन कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव जरूर बनाएंगे।

सवाल: हंगामे के कारण कई बार यह संदेश जाता है कि विपक्ष संसद की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है। इस बारे में क्या कहेंगे?

जवाब: यह सही नहीं है। सच्चाई यह है कि लोकसभा में सरकार के पास प्रचंड बहुमत है और वो जो चाहती है उसे अपनी मर्जी से पारित करवा लेती है। इसी प्रचंड बहुमत की आड़ में सरकार जनिवरोधी कानून पारित करवा रही है। हम इस पर कैसे चुप रह सकते हैं? हम विरोध तो करेंगे क्योंकि विपक्षी दल के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी है।

सवाल: क्या कोरोना के टीके को लेकर भी कांग्रेस इस सत्र में सरकार से जवाब मांगेगी?

जवाब: कोरोना टीके को लेकर भी कुछ मुद्दे हैं। कुछ लोगों में संदेह है। उस पर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिया जाना जरूरी है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए। हम इसकी मांग करेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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