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दिल्ली के बॉस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं सुलझा झगड़ा, अब भी बाकी कई सवाल

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 5, 2018 08:52 IST

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दिल्ली की सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी है और सरकार के पास ही असल पावर है।

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नई दिल्ली, 5 जुलाई:  दिल्ली सरकार और एलजी के बीच शक्तियों के बंटवारे को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला साफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में  साफ कर दिया है कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार ही अहम है। यानी अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के लिए कोई भी फैसला करने से पहले एलजी की सहमती लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन दिल्ली सरकार और एलजी का विवाद अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दिल्ली की सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी है और सरकार के पास ही असल पावर है। इस फैसले को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। दिल्ली में अब ट्रांसफर के अधिकार को लेकर झगड़ा शुरू हो गया है। कल 4 जुलाई की शाम दिल्ली कैबिनेट की मीटिंग में  ट्रांसफर के सारे अधिकार मंत्रियों को दे दिए गए हैं। मनीष सिसोदिया बैठक में कहा कि दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर के सारे अधिकार मंत्रियों के पास है। इधर दिल्ली सर्विसेज ने ट्रांसफर के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। बैठक में मंत्रियों  LG को मंत्रियों की सलाह के बाद ही काम करने की हिदायत दी गई है। 

इस मामले पर आप के वकील राहुल मेहरा ने बताया कि ट्रांसफर का अधिकार तो मंत्रियों के पास ही होना चाहिए। संसद और कानून भी यही कहता है। वहीं रक्षा विशेषज्ञ पी के सहगल का कहना है कि ट्रांसफर के अधिकार तो एलजी के पास ही होना चाहिए। 

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी ये सवाल बरकरार  

1- कोर्ट ने एक तरह से आपसी समझ से सरकार चलाने की बात कही है। चूंकि अब पुलिस केंद्र के पास है, ऐसे में अगर केजरीवाल के विधायकों पर कभी बड़ा एक्शन हुआ, तो क्या वह फिर से केंद्र पर सवाल नहीं उठाएंगे। यानी अधिकारों की जंग अब भी कायम है।

2- एमसीडी पर भी रार बनी रहने के आसार दिख रहे हैं।  आप ने पूर्ण राज्य के लिए आंदोलन करते रहने की बात भी कही है। 

3- केंद्रीय गृह मंत्रालय  ने नोटिफिकेशन जारी करके उपराज्यपाल के अधिकार में सर्विस मैटर, पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और लैंड से जुड़े मामले रखे थे। इससे क्लास-1 समेत अफसरों की पोस्टिंग-ट्रांसफर दिल्ली सरकार से छिन गए थे। जिसे दिल्ली सरकार ने खारिज करने के लिए कहा था। इस पर अभी फैसला आना बाकी है। 

4- एलजी से फाइल अप्रूव कराने की जरूरत  है या नहीं, ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है। डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने यह दावा किया है कि अब फाइलें उपराज्यपाल के पास भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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