नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को पत्र लिखकर 'सनातन धर्म' के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के लिए द्रमुक मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर स्वामी ने यह भी कहा कि अगर उदयनिधि फिर से "सनातन धर्म का अपमान" करने का प्रयास करेंगे तो वह एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार को बर्खास्त करने के लिए काम करेंगे। दिग्गज नेता ने यह भी कहा कि उदयनिधि भाई-भतीजावाद के कारण मंत्री हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, राज्य कोई महासंघ नहीं है, "मैंने तमिलनाडु के राज्यपाल को पत्र भेजकर भाई-भतीजावाद के आधार पर मंत्री रहे स्टालिन के बेटे पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी है। अगर वह एक बार फिर सनातन धर्म की निंदा करते हैं तो मैं तमिलनाडु राज्य सरकार को बर्खास्त करने के लिए काम करूंगा। मैंने 1991 में साबित कर दिया था कि भारत एक संघ है।"
उदयनिधि स्टालिन द्वारा 'सनातन धर्म' की तुलना मलेरिया, डेंगू और कोरोना वायरस से करने के बाद उपजे राजनीतिक विवाद के बीच सुब्रमण्यम स्वामी की तीखी प्रतिक्रिया आई और कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं बल्कि उन्हें नष्ट कर देना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा समेत भाजपा के कई नेताओं ने उदयनिधि की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सत्तारूढ़ दल ने द्रमुक नेता की विवादास्पद टिप्पणियों की तुलना हिटलर द्वारा यहूदियों के चरित्र-चित्रण से भी की।
भाजपा ने एक्स पर पोस्ट किया, "उदय स्टालिन की सोची-समझी टिप्पणी शुद्ध घृणास्पद भाषण है और भारत की 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान है, जो सनातन धर्म का पालन करते हैं। स्टालिन के लिए कांग्रेस और आई.एन.डी.आई. गठबंधन का समर्थन सबसे अधिक निराशाजनक है।"