लाइव न्यूज़ :

मोहन भागवत के बयान पर RSS ने दी सफाई, कहा- उन्होंने 'पंडित' का उल्लेख किया, जिसका अर्थ है...

By रुस्तम राणा | Updated: February 6, 2023 14:18 IST

आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने कहा कि कल (रविवार) मोहन भागवत मुंबई में डॉक्टर मोहनजी भागवत संत रविदास जयंती के एक कार्यक्रम में बात कर रहे थे। उन्होंने अपने वक्त में 'पंडित' शब्द का उल्लेख किया, जिसका अर्थ है 'विद्वान' होता है। 

Open in App
ठळक मुद्देबढ़ते विवाद को देखते हुए आरएसएस की तरफ से संघ प्रमुख के बयान पर सफाई दी गई हैRSS नेता आंबेकर ने कहा, उन्होंने अपने वक्त में 'पंडित' शब्द का उल्लेख किया, जिसका अर्थ है 'विद्वान' होता है संघ प्रमुख ने अपने भाषण में कहा था, जाति भगवान ने नहीं बनाई बल्कि पंडितों ने बनाई

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के 'पंडित' वाले बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान को लेकर उनसे माफी तक मांगने को लेकर कहा जा रहा है। बढ़ते विवाद को देखते हुए आरएसएस की तरफ से संघ प्रमुख के बयान पर सफाई दी गई है।

आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने कहा कि कल (रविवार) मोहन भागवतमुंबई में डॉक्टर मोहनजी भागवत संत रविदास जयंती के एक कार्यक्रम में बात कर रहे थे। उन्होंने अपने वक्त में 'पंडित' शब्द का उल्लेख किया, जिसका अर्थ है 'विद्वान' होता है। 

आंबेकर ने कहा कि संघ प्रमुख ने जो वाक्य कहा उसको भी मैं स्पष्ट कर देता हूं, उन्होंने कहा "संतों को जो सत्य की अनुभूति हुई, उसके आधार पर उन्होंने कहा कि सत्य यही है कि मैं (ईश्वर) सब प्राणियों में हूं इसलिए रूप नाम कुछ भी हो, लेकिन योग्यता एक है, मान-सम्मान एक है और सबके बारे में अपनापन है। कोई भी ऊंचा-नीचा नहीं है। कुछ पंडित (विद्वान) शास्त्रों के आधार पर जाति-आधारित विभाजन की बात करते हैं, यह एक झूठ है। यह उनका सटीक बयान है।"

बता दें कि संत रविवाद जयंती के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने अपने भाषण में यह कहा, जाति भगवान ने नहीं बनाई बल्कि पंडितों ने बनाई। उन्होंने ये भी कहा कि पंडितों ने जो श्रेणी बनाई वह गलत है। भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज जातिवाद को लेकर भ्रमित होता रहा है और इस भ्रम को दूर करना आवश्यक है।

उन्होंने कह, 'लोग चाहे किसी भी तरह का काम करें, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। श्रम के लिए सम्मान की कमी समाज में बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। काम के लिए चाहे शारीरिक श्रम की आवश्यकता हो या बुद्धि की, चाहे इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो या ‘सॉफ्ट’ कौशल की-सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।' 

अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'हर कोई नौकरी के पीछे भागता है। सरकारी नौकरियां केवल करीब 10 प्रतिशत हैं, जबकि अन्य नौकरियां लगभग 20 फीसदी। दुनिया का कोई भी समाज 30 प्रतिशत से अधिक नौकरियां पैदा नहीं कर सकता।' 

टॅग्स :मोहन भागवतआरएसएसमुंबई
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Flight: कुवैत से हैदराबाद जा रहे विमान को मुंबई किया गया डायवर्ट, 'ह्यूमन बम' की धमकी के बाद एक्शन

कारोबारLPG Prices December 1: राहत की खबर, रसोई गैस की कीमतों में बड़ा बदलाव, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, पटना और चेन्नई में घटे दाम, चेक करें

बॉलीवुड चुस्कीMalaika Arora: सफलता की राह पर कई उतार-चढ़ाव, लेखिका के रूप में शुरुआत करने को तैयार मलाइका अरोड़ा

भारतबीड सरपंच हत्याकांड: सरपंच संतोष देशमुख के परिवार से मिले उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विरोध तेज करेंगे मराठा नेता मनोज जरांगे

ज़रा हटकेVIDEO: शख्स को बचाने के लिए नाले में उतरा मुंबई पुलिस का जवान, वीडियो देख तारीफ करते नहीं थक रहे यूजर्स

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए