गुवाहाटी: शिवसेना के विधायकों के एक बड़े वर्ग की बगावत के कारण महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। शिवसेना के ज्यादातर विधायक एकनाथ शिंदे के प्रति समर्थन दिखाते हुए गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में है। इस बीच बागी शिवसेना विधायक महेश शिंदे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर निशाना साधा।
उन्होंने शनिवार को राकांपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है। जिन पूर्व राकांपा विधायकों को हमने हराया था, उन्हें 3 अरब रुपये दिए जा रहे थे। हम सभी विधायकों ने बार-बार मुख्यमंत्री से एनसीपी के अन्याय की शिकायत की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए हमने एकनाथ शिंदे से शिवसेना को बचाने के लिए इतनी बड़ी भूमिका निभाने का आग्रह किया।
बता दें कि गुवाहाटी के एक होटल में बागी विधायकों के डेरा डालने से पहले शिंदे और कई अन्य विधायक सूरत के एक होटल में ठहरे थे। बता दें कि एमवीए में शिवसेना के 55, राकांपा के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में सामान्य बहुमत के लिए 144 का आंकड़ा जरूरी है।
भाजपा के पास अपने 106 विधायक हैं और उसे राजठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, स्वाभिमानी पक्ष एवं राष्ट्रीय समाज पक्ष के एक एक विधायकों एवं छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस प्रकार सदन में उसके पास सहयोगियों को मिलाकर कुल 116 विधायक हैं। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधानसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है और उनके स्थान पर अजय चौधरी को सदन का नेता नियुक्त किया है।
एकनाथ शिंदे से संपर्क नहीं होने और अपने समर्थक विधायकों के साथ सूरत चले जाने के बाद शिवसेना ने यह कदम उठाया। फिलहाल शिंदे शिवसेना के विधायकों के एक धड़े और कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी में हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें 46 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वहीं, महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच विधानसभा में शक्ति परीक्षण चर्चा के केंद्र में है।