मुंबईः केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी को शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'पठान' से फिल्म के एक गाने में 'बेशरम रंग' शब्द के इस्तेमाल के अलावा कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, भगवा केवल भाजपा या शिवसेना का रंग नहीं है, बल्कि यह गौतम बुद्ध के पहने हुए कपड़ों का रंग है। बकौल अठावले, अगर उन्होंने बेशरम शब्द नहीं हटाया तो हमारी पार्टी भी फिल्म के खिलाफ आंदोलन करेगी।
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख ने कहा कि उन्हें पठान फिल्म से कोई समस्या नहीं है सिवाय फिल्म के गाने में इस्तेमाल बेशरम रंग शब्द के। केंद्रीय मंत्री ने गाने में इस्तेमाल इस शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह गौतम बुद्ध के पहने हुए कपड़ों का रंग है। करीब 2,500 साल पहले यह शांति के रंग के रूप में उभरा। इसलिए यह बौद्ध धर्म का भी अपमान है।
अठावले ने कहा कि अगर बेशरम शब्द नहीं हटाया गया तो हमारी पार्टी फिल्म के खिलाफ आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा, कोई भी रंग बेशरम नहीं होता और इस तरह के संदर्भ को हटा दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पठाने के बेशरम रंग गाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। गाने में दीपिका पादुकोण को एक सीन में भगवा कपड़े पहने दिखाया गया है। इस बात को लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि गाने में प्रयुक्त गई वेशभूषा प्रथमदृष्टया बेहद आपत्तिजनक है। साफ दिख रहा है कि दूषित मानसिकता के कारण फिल्माया गया यह गाना है।
उन्होंने दीपिका को टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक बताते हुए कहा कि वह जेएनयू मामले में टुकड़े गैंग की समर्थक रही हैं इस वजह से मैं यह निवेदन करूंगा कि इसके दृश्यों को ठीक करें। वेशभूषा को ठीक करें अन्यथा मध्यप्रदेश में इस फिल्म को अनुमति दी जाए या न दी जाए, यह विचारणीय प्रश्न होगा।
नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद पठान का यह गाना सोशल मीडिया से लेकर टीवी मीडिया तक में प्रमुख मुद्दा बना रहा। दीपिका और शाहरुख खान को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया जा रहा है। साथ ही फिल्म के बॉयकॉट की मुहिम भी चल रही है। कई भाजपा नेताओं ने इस गाने के बहाने बॉलीवुड को निशाने पर लिया।