नागरिकता संसोधन कानून पर प्रदर्शन कर रहे जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा के हिरासत में लिए जाने की खबर को अमेरकी पत्रकार ने निंदा की है। एक अंग्रेजी पत्रकार और वाशिंगटन स्थित डीसी में अमेरिकी टाइम्स के मुख्य टिप्पणीकार एडवर्ड लुके ने कहा कि मुझे भारत के लिए डर है। उन्होंने ट्वीट किया 'सिस्टम गांधी की जीवनी लिखने वाले इंसान को भी हिरासत में ले सकती है। अपने संविधान को बनाए रखने के लिए शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए उदार लोकतंत्र नहीं है।मुझे भारत के लिए डर है। राम के साथ खड़े रहो!'
गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे इतिहासकार रामचन्द्र गुहा समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। राज्य के हुबली, कलबुर्गी, हासन, मैसूरु और बेल्लारी सहित राज्य के तमाम हिस्सों में प्रदर्शन हुए।
पुलिस ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में इन लोगों को गिरफ्तार किया। यहां टाउन हॉल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर प्रख्यात इतिहासकार रामचन्द्र गुहा सहित अन्य लोगों को पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया।
अपनी हिरासत पर गुहा ने कहा कि यह 'बिल्कुल अलोकतांत्रिक है' कि पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से भी प्रदर्शन नहीं करने दे रही है, जबकि यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है। पुलिसकर्मी गुहा को अपने साथ पास में ही खड़े वाहन तक ले कर गए। बायोकॉन की चेयरपर्सन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने पुलिस की कार्रवाई पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘‘यह बेहद आश्चर्यजनक है और दिखाता है कि उन्हें मतभेद प्रकट करने की मौलिक आजादी की कोई समझ नहीं है।।। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ ऐसा गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए।'
बता दें कि रामचंद्र गुहा ने इंडिया आफ्टर गांधी, ए कॉर्नर ऑफ ए फोरन फिल्ड, गांधी बिफोर इंडिया जैसे कई चर्चित किताबों का लिखा हैं।