राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राज्य के एक मंत्री के त्यागपत्र देने की चर्चाओं के बाद दो मंत्रियों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा हार के कारणों का विस्तृत आकलन किये जाने की मांग की है। राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पार्टी को हार का विस्तृत आकलन करके राज्य में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव के लिये पार्टी को फिर से मजबूती के साथ तैयार करना चाहिए।
अंजना ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा चुनावों के परिणाम आशाओं के विपरीत थे और भाजपा द्वारा उठाए गए राष्ट्रवाद के मुद्दे से मतदाताओं को प्रभावित किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं ने भी पूरे प्रयास किए लेकिन यह लोगों को स्वीकार्य नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी के वरिष्ठ नेता दिल्ली में विचार-मंथन कर रहे हैं और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की। नेताओं द्वारा आत्ममंथन किया जाना चाहिए।’’
अंजना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की सीट के चुनाव पर भी प्रश्न उठाते हुए कहा कि जालौर उनके लिये उपयुक्त सीट थी। उन्होंने कहा कि वैभव गहलोत के सीट के चुनाव के आंकलन करने में कोई न कोई त्रुटि रही है और उसमें चूक हुई है उसी का खामियाजा हम सब भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जोधपुर के पक्ष में नहीं था, मैंने उनसे :गहलोत: कहा कि वैभव को जालौर से लड़वाना चाहिए । जालौर होता तो यह नतीजे नहीं आते।’’ वैभव गहलोत ने जोधपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लडा था जहां उनके सामने भाजपा के गजेन्द्र सिंह शेखावत चुनाव मैदान थे और शेखावत ने गहलोत को हरा कर जीत दर्ज की। जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्य में पार्टी की हार के लिये किसी वरिष्ठ नेता को त्यागपत्र देना चाहिए तो अंजना ने कहा कि वह इस पर टिप्पणी करने के लायक नहीं है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने भी कहा कि ब्लाक स्तर से लेकर सभी स्तरों के नेताओं से फीडबैक लिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस समय पार्टी के उम्मीदवारों ,वर्तमान और पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और पदाधिकारियों से विस्तृत समीक्षा कर फीडबैक लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के समक्ष चुनौतियां है और पार्टी को आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर प्रदर्शन बेहतर करना है । उन्होंने कहा कि हार एक सामूहिक जिम्मेदारी है, किसी भी व्यक्तिगत नेता के बारे में नहीं और हार की स्थिति का आकलन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा किया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि विस्तृत फीडबैक जमीन से लिया जाना चाहिए और रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपी जानी चाहिए और रिपोर्ट के आधार पर किसी प्रकार का फैसला उन पर छोड़ देना चाहिए।
इधर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के त्यागपत्र देने पर कुछ भी साफ नहीं हो पाया है। रविवार को एक कथित प्रेस विज्ञप्ति में कटारिया ने कहा कि वह राज्य के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहे है। कल से आज तक कटारिया से संपर्क नहीं किया जा सका है। मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन से त्यागपत्र के बारे में किसी प्रकार की पुष्टि नहीं हो सकी है। पिछले वर्ष दिसम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सत्ता में आई कांग्रेस को राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पडा।