नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना में पांच राफेल लड़ाकू विमानों को आज (10 सितंबर) को शामिल किया जाएगा। भारतीय वायुसेना आज अंबाला वायुसेना स्टेशन पर राफेल विमानों को औपचारिक तौर पर शामिल करेगी। विमान 17 स्क्वाड्रन, 'गोल्डन एरो' का हिस्सा होंगे। राफेल विमान अत्याधुनिक हथियारों और उन्नत प्रणाली से लैस हैं।इस दौरान आयोजित होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली और भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली दिल्ली पहुंच चुकी हैं। राफेल विमानों के वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल होने के कार्यक्रम में फ्लोरेंस पार्ली चीफ गेस्ट हैं।
वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा कि राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी। वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कार्यक्रम को बल के इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार देते हुए कहा, 'कार्यक्रम के दौरान राफेल विमान का औपचारिक अनावरण किया जाएगा। पारंपरिक ''सर्वधर्म पूजा'' की जाएगी और राफेल और तेजस विमान हवाई करतब दिखाएंगे।''
समारोह के बाद फ्लोरेंस पार्ली और राजनाथ सिंह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और सुरक्षा सहयोग को और मजबूती देने के लिये अंबाला में बैठक होगी। भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये की लागत से हुए अंतर सरकारी समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंचा था।
फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसाल्ट एविएशन द्वारा उत्पादित इन विमानों को अभी औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल नहीं किया गया था। अब तक भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है, जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं जिन पर भारतीय वायुसेना के पायलट प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।
चार राफेल लड़ाकू विमानों के एक अन्य जत्थे के नवंबर तक भारत पहुंच जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा फ्रांस से 36 और लड़ाकू विमानों की संभावित खरीद पर राजनाथ सिंह और पार्ली की बातचीत के दौरान शुरुआती चर्चा हो सकती है।